पूर्व और वर्तमान कप्तान के आदेश पुलिस के ट्ठेंगे पर! नाबालिक को बरामद करने के लिए दो माह पूर्व एसपी सिटी के पर्यवेक्षण में पांच टीम गठित की थी आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
हाई कोर्ट का आदेश भी बेअसर पीड़ित माता-पिता भटक रहे हैं दर-दर।
मथुरा (आरएनआई) नाबालिक बेटियों के गायब होने अथवा अपहरण के मामलों को लेकर मथुरा पुलिस गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्र से अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं ऐसे मामलों में पुलिस एफआईआर दर्ज कर किसी देवी शक्ति का इंतजार करती है कि जादुई तरीके से अपहृता की रिकवरी हो जाए पुलिस विवेचना के नाम पर केवल कागजी औपचारिकताएं पूरी करती है अपहृता के पीड़ित माता-पिता अपनी बेटी को बरामद करने के लिए पुलिस और अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जाते हैं पुलिस को पीड़ितों की स्थिति से कोई लेना देना नहीं है ऐसे पीड़ित सामाजिक मानसिक और आर्थिक तीनों प्रकार का दंश झेलते हैं।
ऐसा ही एक मामला थाना फरह का क्षेत्र का है जानकारी के अनुसार 11 जुलाई 2024 को थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली 16 वर्ष की नाबालिक लड़की को गांव का ही नामजद युवक बहला फुसलाकर भाग ले गया था ।
इस घटना की रिपोर्ट पीड़िता के पिता के द्वारा थाने पर अपराध संख्या 232 वर्ष 2024 धारा 137(२) तथा 142 बी एन एस बनाम अजय आदि के विरुद्ध दर्ज कराई गई थी।
पीड़ित पिता नाहर सिंह और उसकी पत्नी मथुरा ही नहीं आगरा और लखनऊ तक अधिकारियों के यहां अपनी पुत्री की बरामदगी को लेकर फरियाद लगा चुके हैं लेकिन कोई समस्या का समाधान नहीं होने की स्थिति में पीड़ित ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण लिए है हाई कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन डीआईजी/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे ने 9 मार्च 2025 को अपने एक आदेश के अनुसार पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण में पांच टीमों का गठन किया था आश्चर्य की बात यह है टीम में क्षेत्राधिकार रिफाइनरी और थाना प्रभारी निरीक्षक के अलावा निरीक्षक अपराध और प्रभारी निरीक्षक एल आई यू सर्विलांस प्रभारी एसओजी प्रभारी के अलावा विवेचक सुभाष चंद्र और उप निरीक्षक तेजेंद्र सिंह, सुनील कुमार मुख्य आरक्षी कुलदीप कुमार के अलावा महिला आरक्षी वंदना को टीमों में शामिल किया गया ।
बताया जाता है तत्कालीन पुलिस कप्तान शैलेश कुमार पांडे के द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी अपना हल्पनामा दाखिल किया है। उनका जनपद से ट्रांसफर हो चुका है नए कप्तान के रूप में श्लोक कुमार ने पदभार संभाला है पीड़ित 15 दिन पूर्व नए कप्तान से मिलकर अपनी फरियाद सुन चुका है उनके क्षेत्राधिकार रिफायनरी और प्रभारी निरीक्षक को स्पष्ट आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है पीड़ित ने पुन: कप्तान के सामने उपस्थित होकर अपनी वेदना व्यक्त की है लड़कियों के अपहरण के मामले में पुलिस इतनी असंवेदनशील हो चुकी है उन्हें पीड़ित की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है पीड़ित का सामाजिक मानसिक और आर्थिक शोषण तो हो ही रहा है उनके सामने शिवाय भगवान भरोसे की और कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है इस संबंध में जनपद के दौरे पर आई महिला आयोग की अध्यक्ष के संज्ञान में इस मामले के अलावा दर्जन भर मामले पत्रकारों के द्वारा ले गए उन्होंने भी पुलिस अधिकारियों की भांति कार्रवाई करने का भरोसा दिया है ।
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