यूपी की इन दो सीटों पर न खुल सका बसपा का खाता
यूपी की मुरादाबाद और रामपुर लोकसभा सीट पर बसपा का खाता भी नहीं खुला है। पार्टी के उम्मीदवार हमेशा तीसरे या चौथे नंबर पर ही सिमटते रहे हैं। हालांकि मंडल की बाकी चारों सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की है।
मुरादाबाद (आरएनआई) मुरादाबाद मंडल की मुरादाबाद और रामपुर लोकसभा सीट पर अब तक बसपा खाता नहीं खोल सकी। दोनों सीटों पर चुनाव दर चुनाव बसपा के वोट प्रतिशत में उतार-चढ़ाव तो देखने को मिलता रहा, लेकिन वह इतना वोट हासिल नहीं कर पाई कि मुख्य मुकाबले में आ सके।
हमेशा तीसरे या चौथे नंबर पर ही पार्टी के प्रत्याशी सिमटते रहे हैं। हालांकि मंडल की बाकी चारों सीटों पर बसपा ने जीत दर्ज की है। इस बार बसपा मंडल की सभी सीटों पर नए समीकरणों के साथ चुनाव मैदान में अकेले ही कूदी है।
मुरादाबाद मंडल की संभल, अमरोहा, और बिजनौर लोकसभा सीटों पर बसपा प्रत्याशी दो-दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि नगीना सीट पर एक बार ही सफलता मिली है। 1989 में बसपा सु्प्रीमो मायावती बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव जीत दर्ज कर संसद पहुंची थीं।
मायावती के बाद इस सीट पर बसपा को तीस साल बाद 2019 में जीत मिली। तब सपा से गठबंधन में बसपा के मलूक नागर कामयाब हुए। संभल में 1996 में डीपी यादव और 2009 में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर संसद पहुंचने में कामयाब हुए। इसी तरह अमरोहा लोकसभा सीट पर भी बसपा दो बार जीत दर्ज कर चुकी है।
यहां पहले 1999 में राशिद अल्वी और 2019 में दानिश अली बसपा के टिकट जीते। पर, मुरादाबाद और रामपुर सीट पर चेहरे बदलकर उतारने का प्रयोग भी उसे कामयाबी नहीं दिला सका।
प्रत्याशी वर्ष वोट
हाजी याकूब कुरैशी 2014 1,60,945
राजीव चन्ना 2009 1,47,594
इफ्तेकार मो. खान 2004 1,50,616
मो. आकिल 1999 1,23,714
राजा राम सैनी 1998 1,36,081
अकबर हुसैन 1996 1,12,254
विसी खान 1991 669
रामचंद्र सैनी 1989 19,135
प्रत्याशी वर्ष वोट
अकबर हुसैन 2014 81,006
घनश्याम सिंह लोधी 2009 95,132
अफरोज अली खान 2004 1,26,406
घनश्याम सिंह लोधी 1999 1,10,362
अब्दुल सलाम 1998 1,31,441
मुशीर अहमद लारी 1996 79,959
हिफाजत उल्लाह खान 1991 17,237
सुभान हाजी 1989 1,26,382
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