मध्यप्रदेश विधानसभा मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार, बीजेपी और कांग्रेस पूरी तरह तैयार
भोपाल। पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश के सियासी हलकों में बहुत हलचल है। एक तरफ बीजेपी दुबारा सत्ता में आने के लिए हर वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस भी लोकलुभावन वादे कर रही है। उसपर सीधी में हुए ‘पेशाब कांड’ की गूंज पूरे देश में है। कांग्रेस ने इसे आदिवासियों पर अत्याचार का मुद्दा बना लिया है वहीं खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले में हस्तक्षेप कर डैमेज कंट्रोल की सारी कोशिशें की। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि वो इस मुद्दे को विधासनभा में उठाएगी। इसी के साथ कांग्रेस मानसून सत्र में महाकाल लोक में सप्तऋषियों की मूर्तियां गिरने सहितऔर भी कई मुद्दों को साथ सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसपर गृहमंत्री नरो्त्तम मिश्रा ने कहा है कि विधानसभा में कांग्रेस बाहुबल की जगह बुद्धिबल का प्रयोग करे तो सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 जुलाई को शुरू होगा और 15 जुलाई तक चलेगा। इन पांच दिनों में पांच बैठकें होंगी। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वो सीधी कांड को विधानसभा में लेकर जाएगी। मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने भाजपा नेता द्वारा आदिवासी युवक दशमत रावत के ऊपर पेशाब करने के मामले को क्रूरता का चरम बताते हुए कहा किआरोपी के खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज होना चाहिए और पीड़ित परिवार को पुलिस प्रोटेक्शन मिलना चाहिए। इसी के साथ विधानसभा के मानसून सत्र में 11 जुलाई से 15 जुलाई के बीच कांग्रेस इस मुद्दे को उठाएगी और कमलनाथ के नेतृत्व में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे।
इस मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा कि ‘हर बार कांग्रेस ने घेरने की तैयारी की है और कैसा घेरा है ये सबने देखा है। विधानसभा का फ्लोर सारगर्भित और सार्थक चर्चा के लिए होता है। वहां बाहुबल की नहीं बुद्धिबल की जरुरत होती है। वो जिस विषय पर चाहें चर्चा करें। सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन हो हल्ला न करें। हो हल्ला करके सदन का समय बर्बाद होता जनता की गाढ़ी कमाई से ये सदन चलता है। वो आएं और संवाद करें, संवाद के लिए ही विधानसभा का फ्लोर मिलता है।’
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