वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल के साथ दुर्व्यवहार, RPF ग्वालियर का कारनामा, बिना किसी वजह थाने में बिठाया, गंतव्य पर नही पहुंच पाये
ग्वालियर (आरएनआई) वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला सतना जाने के लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर इंतजार कर रहे थे कि तभी आरपीएफ के जवान जिसमें महिलाएं भी शामिल थी ने इनपर चैनपुलिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें चौकी ले गए। वहां पर चौकी प्रभारी वरिष्ठ पत्रकार के साथ गलत तरीके से पेश आए। साथ ही उन पर दबाव बनाया कि वो ये बात मान लें कि चैनपुलिंग उन्होंने की है। जब उन्हें पता चला कि ये पत्रकार है तो किसी और को उसी आरोप में पकड़ लिया और जबरन उससे पैसे लिए।
RPF ग्वालियर ने की बदसलूकी
वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला ने बताया कि वो साढ़े चार घंटे से लेट आ रही महाकौशल एक्सप्रेस का ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहे थे। इसी बीच आरपीएफ के जवानों ने (दो महिलाएं भी शामिल) उन्हें डिटेन करके चौकी में जमा कर दिया। वहां पर उनपर चैनपुलिंग का आरोप लगाया गया। चौकी प्रभारी ने कहा कि किसी रेलगाड़ी में चैनपुलिंग हुई है और उसके लिए वो दोषी है। वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि मेरा उस ट्रेन से कई नाता भी नहीं था। फिर भी मुझ पर जबरन आरोप लगाएं जा रहे थे।
पहचान पता चलते ही किसी और को पकड़ा
जब उन्हें ये बात पता चली कि वो एक पत्रकार है तो आरपीएफ के सिपाहियों ने उन्हें छोड़ किसी और को पकड़ लिया और उसपर चैनपुलिंग का आरोप लगाया। दरअसल, दिल्ली जा रहे एक छात्र को पकड़कर जवानों ने बैठा लिया। उस लड़के को किसी कांपटीशन में शामिल होना जरूरी था इसलिए चौकी प्रभारी की मांग के अनुसार उस लड़के ने एक हजार रुपए दिए फिर कागज पर साइन किया और कैसे भी दिल्ली की ट्रेन पकड़ने भागा।
पूछने पर क्या बोले दरोगा?
इस पूरी घटना को लेकर जब पत्रकार जयराम शुक्ला ने आरपीएफ के चौकी दरोगा से पूछा कि – ऐसा क्यों करते हो? उसने जवाब देते हुए कहा कि ‘चैन पुलिंग हुई तो कोई दोषी होगा ही और वह कोई भी हो सकता है आप या वो स्टूडेंट’।
छूट गई ट्रेन
पत्रकार जयराम शुक्ला ने बताया कि उन्हें 16 मई को सतना पहुंचना था। इसलिए वो ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर इंतजार कर रहे थे। लेकिन, इन सब की वजह से उनकी महाकौशल की ट्रेन छूट गई। जिस वजह से वो वहां नहीं पहुंच पाएं।
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