30 नवम्बर तक जमा विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का व्याज देय नही होगाः-एमपी सिंह

Nov 7, 2022 - 22:13
Nov 7, 2022 - 22:36
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30 नवम्बर  तक जमा विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का व्याज देय नही होगाः-एमपी सिंह

हरदोई (RNI)जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार अनुसार ईंट भट्ठा स्वामियों से पायों के आधार पर विनियमन शुल्क हेतु निर्देश दिये गये है। विनियमन शुल्क ईंट भट्ठा सत्र 2022-23 (01 अक्टूबर से 30 सितम्बर तक) के लिए मान्य होगा। ईंट भट्ठा सत्र के लिए विनियमन शुल्क विभिन्न श्रेणियों के जनपदों के लिए पायों की संख्या के आधार पर देय होगी। ईंट भट्ठा स्वामी को  http://upmines.upsdc.gov.in पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आवेदन शुल्क रु०-2000/- ईंट भट्ठा स्वामी का विवरण भट्ठा स्थल का विवरण भट्ठा का प्रकार (सामान्य/जिग-जैग) पायों की संख्या, ईंट मिट्टी के खनन क्षेत्र का विवरण भट्ठा सत्र सहित बांछित विवरण आवेदक फीड करेगा। ईंट भट्ठा स्वामी को आवेदन-पत्र के साथ ईंट-भट्ठे के संबंध में रायल्टी/विनियमन शुल्क बकाया न होने का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। फीड की गयी सूचना के अनुसार ईंट-भट्ठों में पायों की संख्या के आधार पर देय विनियमन शुल्क एवं पलोथन की धनराशि अग्रिम रूप से पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से आनलाइन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक 0853 अलौह खनन तथा धातुकर्म उद्योग-102-खनिज रियायत शुल्क किराया और स्वत्व शुल्क में जमा की जायेगी। विनियमन शुल्क आनलाइन जमा करने पर ईंट भट्ठा स्वामी पोर्टल से विनियमन शुल्क जमा का प्रमाण पत्र जनित कर सकेंगे। आफलाईन माध्यम से पूर्व में विनियमन शुल्क जमा किये जाने की दशा में ईंट भट्ठा स्वामी द्वारा पोर्टल पर रजिस्टर किया जायेगा तथा भट्ठे के सापेक्ष जमा चालान की मूल प्रति सम्बन्धित खान अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। खान अधिकारी द्वारा चालान का सत्यापन कर भट्टे के सापेक्ष पोर्टल पर जमा धनराशि का विवरण अंकित किया जायेगा। विनियमन शुल्क जमा किये जाने के उपरान्त ही ईंट भट्ठे का संचालन किया जायेगा। देय धनराशि जमा किये बिना संचालित ईंट भट्ठों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी । ईंट बनाने के काम आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिए प्रस्तावक को ईंट मिट्टी के लिए देय विनियमन शुल्क की धनराशि के अतिरिक्त उस पर 10 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होगी। साधारण ईंट-भट्टों के पाये जो 9 इंच मानक के स्थापित थे, मे से कुछ ईंट-भट्ठों को जिग-जैग भट्ठे में परिवर्तित कर 18 इंच के पाये बनाकर भट्ठा संचालन का कार्य किया जा रहा है, ऐसे भट्ठों में जिग-जैग के पायों के आधार पर विनियमन शुल्क की गणना की जायेगी। 30 नवम्बर 2022 तक जमा की गयी विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का व्याज देय नही होगा, किन्तु उक्त तिथि के उपरान्त जमा की गयी धनराशि पर नियमानुसार व्याज देय होगा। ईंट-भट्ठे का संचालन अग्रिम रूप से विनियमन शुल्क जमा करने के पश्चात् ही किया जायेगा। किसी भट्ठे में पायों की संख्या ईंट भट्ठा स्वामियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र में घोषित पायों की संख्या से अधिक पायी जाती है, तो ऐसे ईंट भट्ठों के वास्तविक पायों के आधार पर नियमानुसार राजस्व क्षति वसूल की जायेगी। ईंट भट्ठा स्वामी द्वारा ईंट भट्ठे के पायों में परिवर्तन की सूचना 30 दिनों के अन्दर सम्बन्धित जिलाधिकारी तथा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय को देना अनिवार्य होगा। ईंट भट्ठा स्वामियों पर उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली  नियम प्राविधान लागू होंगे। जनपद में कार्यरत भट्ठों की सूचना जनपद के माल एवं सेवा कर विभाग जिला पंचायत, प्रदषण नियंत्रण बोर्ड तथा तहसील के माध्यम से प्राप्त की जायेग जिसके आधार पर वास्तविक कार्यरत भट्ठों से पायों की संख्या के अनुसार निर्धारित विनियमन शुल्क आदि जमा कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उक्त व्यवस्था न्यायालयों, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेशों के अधीन होगी।

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Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)
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