"स्वर्णिम वर्षगांठ: परशुराम जयंती शोभायात्रा के पचास वर्ष"

गुना (आरएनआई) आज परशुराम जयंती के पावन अवसर पर सनातन सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में निकलने वाली परशुराम शोभायात्रा अपनी स्वर्णिम वर्षगांठ मना रही है। पचास वर्ष पूर्व, हमारे पूर्वजों ने परशुराम जयंती के अवसर पर एक शोभायात्रा निकालने का निर्णय लिया था, जो आज भी हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इन पचास वर्षों में, परशुराम जी शोभायात्रा चल समारोह ने केवल हमारी धार्मिक भावनाओं को व्यक्त किया है, बल्कि हमारी एकता और सामूहिकता का भी प्रतीक बन गई है। परशुराम प्राकटयोत्सव के दौरान हम परशुराम जी के जीवन और उनके आदर्शों को याद करते हैं, जो हमें सत्य, न्याय, और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
आज जब हम अपनी शोभायात्रा की स्वर्णिम वर्षगांठ मना रहे हैं, तो हम अपने पूर्वजों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस परंपरा को शुरू किया था। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी यह विरासत सौंपने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे भी परशुराम जी के आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक बना सकें।
शोभायात्रा के इस स्वर्णिम अवसर पर, हम परशुराम जी के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते है। सनानत सर्व ब्राह्मण समाज गुना के तत्वावधान में आयोजित भगवान परशुराम प्राकटयोत्सव पर शोभायात्रा पुराने गल्ला मंडी हनुमान मंदिर से प्रातः 8 बजे पूजन अर्चन के साथ रवाना हुई जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए दुवे कालोनी हनुमान मंदिर पर पहुंची, जहां 108 दीपों से महाआरती हवन शांति उपरांत कार्यक्रम आयोजित किये गयें।
इस वर्ष भगवान परशुरामजी शोभायात्रा को पचास वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम स्वर्ण जंयती के रुप म़ें भव्यता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम स्थल पर मालूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दासजी महाराज के परमप्रिय शिष्य श्री रसराजदास जी महाराज वृंदावन धाम के आशीष वचन हुए जहां महाराज श्री ने अपने प्रवचनों से ब्राह्मणों में नई उर्जा का संचार किया।
महाराजश्री ने बहुत सुंदर सारगर्भित वाणी से भगवान परशुरामजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए परशुराम जी के वताये मार्ग पर चलने पर जोर दिया।
शोभायात्रा के मुख्य आकर्षण:
- भगवान परशुरामजी की झांकी: शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र रही।
- शोभायात्रा को भव्य बनाने के लिए शामिल किये गये ढोल ताशा श़ंख घंटा घडियाल।
- दामपत्य जीवन के पचास वर्ष पूर्ण कर चुके विप्र जोड़ों का सम्मान।
- रक्तदान एवं स्वास्थ्य परिक्षण शिविर
.शोभायात्रा में भगवान परशुराम, विग्रह की आकर्षक झांकी विराजित थीं, जिन्होंने जनमानस को मंत्रमुग्ध कर दिया।
हजारों श्रद्धालु नर-नारी मंगल परिधान में, भजन-कीर्तन की मधुर स्वर लहरियों के साथ यात्रा में सहभागी बने।
वटुक ब्राह्मणो़ के साथ विप्र बंधुओं द्वारा वेदमंत्रों और मंगलाचरण से भगवान परशुराम से देश में शांति और खुशहाली की कामना की।
शोभायात्रा मार्ग पुरानी गल्लामंडी से प्रारंभ होकर हनुमान चौराहा हाट रोड़ सदर वाजार लक्ष्मीगंज होते हुए दुवे कालोनी हनुमान मंदिर पहुंची।
पूरे मार्ग में ब्राह्मण समाज,सामाजिक संगठनों एवं सेवा संस्थाओं द्वारा भव्य स्वागत द्वार लगाए गए थे। शीतल जल, शरबत, फल एवं विभिन्न पेय पदार्थों के साथ श्रद्धालुओं का आत्मीय स्वागत हुआ। ब्राह्मण युवाओं ने मनोहारी प्रस्तुतियाँ दी। आयोजन में ब्राह्मण बंधुओं के विशेष अनुरोध पर वृंदावन से मालूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दासजी के परम शिष्य रसराजदास जी महाराज ने पधारकर कार्यक्रम को उंचाईयों पर पहुंचा दिया।
शोभायात्रा के आयोजन के लिए समाज के लोगों ने गांवों में जाकर निमंत्रण दिया और घर-घर जाकर पीले चावल बांटकर समाज बंधुओं को आमंत्रित किया। इस अवसर पर समाज के लोगों ने अपनी एकता और समर्पण को प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षी भाषण नर्मदा शंकर भार्गव ने दियें स्वागत भाषण रजनीश शर्मा व मंच संचालन आनंद भार्गव द्वारा किया गया तो वही आभार आकाश भार्गव द्वारा जताया गया।
कार्यक्रम के अंत में सनातन सर्व ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष रजनीश शर्मा ने अपने पद से स्वेच्छा से त्यागपत्र देते हुए नवीन जिलाध्यक्ष के रुप में आनंद भार्गव के नाम की घोषणा की जिसका सभा म़ें विराजमान विप्र बंधुओं ने करतल ध्वनि द्वारा स्वागत और समर्थन किया। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी आनंद व्यास द्वारा दी गई।
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