सीओपी 27 : भारत ने 2024 तक नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य को प्राप्त करने पर दिया जोर

भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी 27 में जोर दिया कि विकासशील देशों को अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर के स्तर से जलवायु वित्त में पर्याप्त वृद्धि और अमीर देशों को संसाधनों को इकट्ठा करने के लिए नेतृत्व करने की जरूरत है।

Nov 10, 2022 - 21:45
 0  567
सीओपी 27 : भारत ने 2024 तक नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य को प्राप्त करने पर दिया जोर
भारत

नयी दिल्ली, 10 नवंबर 2022, (आरएनआई)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन सीओपी 27 में जोर दिया कि विकासशील देशों को अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर के स्तर से जलवायु वित्त में पर्याप्त वृद्धि और अमीर देशों को संसाधनों को इकट्ठा करने के लिए नेतृत्व करने की जरूरत है।

वर्ष 2009 में कोपेनहेगन में सीओपी 15 में, विकसित देशों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में विकासशील देशों की मदद करने के लिए संयुक्त रूप से 2020 तक प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर जुटाने की प्रतिबद्धता जताई थी। हालांकि, अमीर देश इस वित्तीय सहायता को मुहैया कराने में बार-बार विफल रहे हैं।

भारत सहित विकासशील देश, अमीर देशों को एक नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य को लेकर सहमत होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिसे जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य (एनसीक्यूजी) के रूप में भी जाना जाता है। विकासशील देशों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कदम के लिए लागत में बढ़ोतरी के मद्देनजर रकम बढ़नी चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि बुधवार को सीओपी 27 में एनसीक्यूजी पर उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय संवाद में भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विकसित देशों से वित्तीय, तकनीकी और क्षमता-निर्माण सहयोग की आवश्यकता है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा, ‘‘विकासशील देशों द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर के न्यूनतम स्तर से जलवायु वित्त में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता है। संसाधन जुटाने के लिए विकसित देशों के नेतृत्व की आवश्यकता है और अनुकूलन तथा विभिन्न परियोजनाओं के बीच समान आवंटन के साथ दीर्घकालिक, रियायती और जलवायु-विशिष्ट कदम उठाए जाने चाहिए।’’

प्रतिनिधिमंडल ने कहा था, ‘‘विकसित देशों द्वारा 2009 में जताई गई 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता न केवल जरूरतों के पैमाने पर दी गई थी, बल्कि अभी तक हासिल नहीं की गई है।’’

अमीर देशों के एक अंतर सरकारी निकाय आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के आंकड़ों के अनुसार विकसित देशों ने 2013 में 52.5 अरब डॉलर जुटाए।

‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ द्वारा प्रकाशित ‘फैक्टशीट’ के अनुसार कोष वर्ष 2015 में 44.6 अरब डॉलर तक घटने के बाद, वित्त प्रवाह में लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में, विकसित देशों ने 83.3 अरब डॉलर जुटाए, जो 2019 में 80.4 अरब डॉलर से अधिक है।

वित्त पर स्थायी समिति ने अनुमान लगाया है कि एनडीसी और आवश्यकताओं के निर्धारण रिपोर्ट सहित निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2030 तक छह ट्रिलियन से 11 ट्रिलियन डॉलर तक संसाधनों की आवश्यकता है।

एनडीसी वैश्विक तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे, मुख्य रूप से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की राष्ट्रीय योजना है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से, जलवायु वित्त की आवश्यकता तब भी बहुत अधिक है, जब अनुमानों के मुताबिक खासकर अनुकूलन के लिए पूरी तरह से चिह्नित जरूरतों को भी पूरा नहीं किया गया है।’’

मिस्र के शर्म अल-शेख में छह से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले इस वर्ष के सम्मेलन में विकसित देशों से विकासशील देशों को अपनी जलवायु योजनाओं को और तेज करने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद है।

दूसरी ओर, विकासशील देश जलवायु परिवर्तन और परिणामी आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक वित्त और प्रौद्योगिकी के प्रति प्रतिबद्धता चाहते हैं। भारत ने जोर दिया है कि तकनीकी विशेषज्ञ स्तरीय संवाद संसाधन जुटाने की मात्रा और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित हो। भारत जलवायु वित्त की परिभाषा पर भी स्पष्टता चाहता है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मीडिया से कहा था कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और गरीब तथा विकासशील देशों की क्षमता को मजबूत करने के मामले में अमीर देशों से कार्रवाई की उम्मीद करता है।

उन्होंने कहा था, ‘‘भारत का मानना है कि ‘क्रियान्वयन के लिए एक साथ’ थीम आधारित सीओपी 27 को जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के मामले में कदम उठाने वाला सम्मेलन होना चाहिए। दुनिया कई तरह की समस्याओं का सामना कर रही है। कार्रवाई में देरी नहीं की जा सकती है। इसलिए ठोस समाधान सामने आने चाहिए और सीओपी 27 के साथ कदम उठाने की शुरुआत होनी चाहिए।’’

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.