देशभर में मॉकड्रिल की तैयारी जारी; पीएम मोदी-एनएसए डोभाल के बीच हुई अहम बैठक
देशभर में मॉकड्रिल की तैयारी चल रही है। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के चलते सरकार ने 7 मई को कई राज्यों में मॉक ड्रिल करवाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान सिविल डिफेंस से जुड़े लोगों को आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉक ड्रिल के तहत आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रशिक्षण होगा। युद्ध या आपदा की स्थिति में पहले मॉक ड्रिल की जाती है।

नई दिल्ली (आरएनआई) गृह मंत्रालय में चल रही बैठक में देश भर में 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा जा रहा है कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित ब्लैकआउट के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।
राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित इन जिलों को अभ्यास करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक सक्रिय हैं। ये नियमित रूप से यातायात और भीड़ प्रबंधन सहित नागरिक कर्तव्यों में लगे रहते हैं। भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर संचालित होती है, जिसे वेतनभोगी कर्मियों के एक छोटे से समूह की ओर से नियंत्रित किया जाता है। आपात स्थिति के दौरान इसे बढ़ाया जाता है।
मॉक ड्रिल के दौरान इन चीजों का प्रशिक्षण दिया जाएगा-
1. हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
4. दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
5. हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।
महाराष्ट्र सिविल डिफेंस के निदेशक प्रभात कुमार ने बताया कि 'साल 2010 तक सिविल डिफेंस का मुख्य उद्देश्य युद्ध के समय वालंटियर्स को रिक्रूट करना होता था, लेकिन 2010 के बाद आपदा प्रबंधन को भी इसमें शामिल कर लिया गया। कल राज्य के तटीय इलाकों में मॉक ड्रिल किया जाएगा। विभिन्न एजेंसियां कलेक्टर के नेतृत्व में मॉक ड्रिल में हिस्सा लेंगी, जिसमें देखा जाएगा कि हम अपनी तैयारियों को किस तरह से और बेहतर कर सकते हैं। हमें सरकार और अपनी सेना में पूरा भरोसा है और अगर कुछ होता है तो हम उसके लिए मानसिक तौर पर तैयार रहें और छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखें, जिससे मदद मिल सके।'
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