देश के पहले प्रोटोटाइप फास्ट-ब्रीडर रिएक्टर की अगले साल सितंबर में होगी शुरुआत
इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) ने इस रिएक्टर को डिजाइन किया था। यह अपनी तरह का पहला परमाणु रिएक्टर है जो ईंधन के रूप में प्लूटोनियम आधारित मिश्रित ऑक्साइड का इस्तेमाल करेगा और ठंडा रखने के लिए तरल सोडियम का उपयोग करेगा।

नई दिल्ली (आरएनआई) तमिलनाडु के कलपक्कम में भारत के पहले प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) के अगले साल सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। यह रिएक्टर देश के तीन-चरणों वाले न्यूक्लियर प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू करेगा, जिसका मकसद रेडियोधर्मी कचरे को रिसाइकल कर बिजली बनाना है।
इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) ने इस रिएक्टर को डिजाइन किया था। यह अपनी तरह का पहला परमाणु रिएक्टर है जो ईंधन के रूप में प्लूटोनियम आधारित मिश्रित ऑक्साइड का इस्तेमाल करेगा और ठंडा रखने के लिए तरल सोडियम का उपयोग करेगा। यह दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) के खर्च किए गए ईंधन का भी उपयोग करेगा, जो वर्तमान में भारत में परमाणु ऊर्जा का मुख्य आधार है। देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का संचालन सरकारी कंपनी भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) करता है जबकि कलपक्कम में पीएफबीआर का विकास भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम (भाविनी) कर रहा है। इस रिएक्टर की क्षमता 500 मेगावाट है और यह अपने अंतिम चरण में है। उम्मीद है, यह 2025-26 तक बिजली उत्पन्न करना शुरू कर देगा। इस रिएक्टर के सितंबर 2026 तक पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च में परमाणु रिएक्टर में कोर लोडिंग का शुभारंभ देखा था। पिछले जुलाई में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने पीएफबीआर के लिए ईंधन भरने, क्रिटिकलिटी के लिए प्रथम दृष्टिकोण और कम-शक्ति भौतिकी प्रयोगों के संचालन की अनुमति प्रदान की थी।
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