श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस: सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को सही माना, केंद्र-ASI को पक्षकार बनाना बताया उचित

मथुरा (आरएनआई) उत्तर प्रदेश के मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में बड़ा मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से हिंदू पक्ष की ओर से दी गई अनुमति को सही बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के क्रम में सोमवार को कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का हिंदू पक्षकारों को केंद्र सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में पक्षकार बनाने की अनुमति देना पहली नजर में सही लगता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब केंद्र सरकार और एएसआई भी अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रख सकेंगे।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 5 मार्च 2025 को दो मुकदमों में संशोधन की इजाजत दी थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गृह मंत्रालय (MHA) और एएसआई को भी प्रतिवादी बनाने की मंजूरी दी थी। हाई कोर्ट के निर्णय के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। मामले की सुनवाई के क्रम में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि इस बदलाव में कोई बड़ी गलती नहीं दिखती। बदले हुए मुकदमे के जवाब दाखिल किए जा सकते हैं।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि एक बात साफ है कि हिंदू याचिकाकर्ताओं की ओ से अपने मूल मुकदमों में किया गया संशोधन स्वीकार किया जाना चाहिए। हालांकि, अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई फिलहाल टाल दी। इसे इस विवाद से जुड़ी दूसरी लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया।
फिलहाल, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की विवादित जमीन को लेकर अलग-अलग पक्षों की ओर से 15 से ज्यादा मुकदमे अदालतों में लंबित हैं, जिनमें दावों की आपस में टक्कर भी हो रही है। मस्जिद समिति ने यह भी दलील दी कि हाई कोर्ट ने संशोधन की मंजूरी देते समय एएसआई और गृह मंत्रालय को बिना औपचारिक आवेदन और बिना जरूरी प्रमाण के पक्षकार बना दिया।
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