अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद करूंगा - शिवराज सिंह चौहान

मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी - शिवराज सिंह चौहान

Dec 12, 2023 - 17:04
Dec 12, 2023 - 17:04
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भोपाल (आरएनआई) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पहली बार मीडिया से हुई चर्चा में कहा कि भाजपा मेरा मिशन है। मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी। मीडिया से चर्चा में श‍िवराज जी ने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा का मेरा मिशन चलता रहेगा। मामा का रिश्ता पाया का है। भैया का रिश्ता विश्वास का है, ये रिश्ते मैं टूटने नहीं दूंगा। जनता की सेवा ही मेरे लिये पूजा है।

मुख्यमंत्री निवास में मीडिया से चर्चा करते हुए निवर्तमान  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव और दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं  राजेंद्र शुक्ला को बधाई दी। 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने समूचे कार्यकाल में मार्गदर्शन देते रहने के लिए केंद्रीय नेतृत्व और माननीय प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों प्रशासनिक सहयोगियों को भी अमूल्य सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। श्री चौहान ने मीडिया को भी उनके कार्यकाल में सकारात्मक सहयोग के लिए आभार जताया।  

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मैं मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव और दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनका अभिनंदन करता हूं।' 

शिवराज ने कहा, 'विश्वास है कि मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार जो काम चल रहे हैं, उन्हें पूरा करेगी। प्रगति की दृष्टि से मध्यप्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा। मैं सदैव उनका सहयोग करता रहूंगा। 

श्री चौहान ने कहा कि 2003 में उमा जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से बनी भाजपा सरकार के तिरंगा प्रकरण में उमा जी के पद छोड़ने के बाद गौर साहब मुख्य मंत्री बने। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि उसके बाद से साढ़े अठारह वर्ष तक भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखा।

एक सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि आपको याद होगा उस दिन भी कहा था, बाकी दिल्ली में है, आप दिल्ली जाएंगे क्या..? एक बात मैं बड़ी विनम्रता के साथ कहता हूं, "अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर, मैं मरना समझूंगा; वह मेरा काम नहीं है इसलिए मैंने कहा था, मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा"

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा मेरा मिशन है। मेरे बारे में फैसला पार्टी करेगी। उन्होंने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा का मेरा मिशन चलता रहेगा। 

मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से संवाद करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि  2008 में जनता के आशीर्वाद से हम फिर सरकार लेकर आए। इसके बाद हमने अपने कार्य से  2013 में भी जनाता का आशीर्वाद पाया। 2018 में हमें वोट ज्यादा मिले, लेकिन सीटों के गणित में पिछड़ गए। निवृतमान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावुक होते हुए कहा, ‘आज मैं यहां से विदाई ले रहा हूं। मेरा मन आत्मसंतुष्टि से भरा हुआ है। केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं, लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना की बदौलत इस बार फिर सरकार बनी। इस भारी बहुमत वाली सरकार को 48.55% रिकार्ड वोट मिले’। ‘लाड़ली-बहना’ योजना के 6 माह के अंदर बनने और सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो जाने की कहानी को केस-स्टडी के तौर पर लिया जाना चाहिए।  

हमें विरासत में एक पिछड़ा और बीमारू मध्यप्रदेश मिला था। हमने विकास और प्रगति का लंबा सफर तय किया। इन वर्षों में मैंने मुझ में जितनी क्षमता थी, जितना सामर्थ्य था, पूरा झोंक कर अपने प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए काम किया। पूरी प्रामाणिकता, ईमानदारी, परिश्रम के साथ अपनी प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें अपने आप को झोंक दिया। 

शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि कृषि के क्षेत्र में 159 लाख टन से उत्पादन बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन होने का चमत्कार भी भाजपा सरकार ने किया है। यही चमत्कार मध्यप्रदेश के विकास का आधार भी बना। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से मध्यप्रदेश की पर कैपिटा-इनकम 11 हजार प्रतिवर्ष से बढ़कर 1.40 लाख रुपए तक हो गई। जो GSDP मात्र 71 हजार करोड़ हुआ करती थी वह आज बढ़ कर 14 लाख करोड़ रुपए के भी पार हो गई है। साथ ही औद्योगिक विकास की दर भी बढ़ कर 24 प्रतिशत हो गई है। 

श्री चौहान ने बताया कि भोपाल ने भाजपा के कार्यकाल में ‘भट-सुअर (पुराने डीजल टेंपो)’ से आज मेट्रो ट्रेन तक का सफर तय किया है। टपरे में संचालित ITI से आज मध्यप्रदेश का कौशल प्रशिक्षण अत्याधुनिक ग्लोबल स्किल पार्क तक जा पहुंचा है। मेडिकल कॉलेजों से सीएम राइज़ स्कूल, पारंपरिक टूरिज्म से आज सांस्कृतिक पुनरोत्थान के श्री महाकाल महालोक, देवीलोक और एकात्मधाम जैसे नए केंद्र स्थापित हुए हैं। मुझे इन सबसे कुछ सार्थक कर पाने का संतोष है।  

निवृतमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण को अपनी अंतरात्मा की आवाज निरूपित करते हुए कहा कि ये मेरे लिए वोट प्राप्त करना का ज़रिया नहीं था। बचपन में  बेटियों के कोख में मारे जाने की दुर्दशा देख उपजी पीड़ा से लाड़ली-लक्ष्मी योजना का जन्म हुआ। इसके बाद कन्या विवाह, स्थानीय निकायों में आरक्षण और लाड़ली-बहना जैसी योजनाओं से क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। शिवराज सिंह ने कहा कि लिंगानुपात में आए सकारात्मक परिवर्तन से सिद्ध हुआ कि ये योजनाएं कागज़ी नहीं है। श्री चौहान ने बताया कु 2017 में बैगा-भारिया जनजातियों के लिए बना आहार सहायता योजना से पोषण का स्तर सुधरा और यही लाड़ली-बहना योजना का आधार बनी। कृषि सुधारों के साथ किसान एवं गरीब कल्याण की योजनाओं ने भी कृषि व सामाजिक क्षेत्रों में सुधार किया है। कोविड-काल में भी हमने सुचारु उपचार के साथ ही मध्यप्रदेश की धरती पर मजदूरों को पैदल नहीं चलने दिया।

प्रेस वार्ता से पूर्व शिवराज सिंह से बहनों ने मुलाकात की। महिलाएं भैया शिवराज जी से लिपटकर फूट-फूट कर रोईं। मुलाकात करने आईं बहनें जब रुंधे गले से बोलीं, कि आप सबके चहेते हो, हम आपको नहीं छोड़ेंगे। बात ये है कि बहनों ने आपको चुना है, हमने आपको चुना है। आप मध्यप्रदेश से कहीं मत जाना।' इस पर भावुक हुए शिवराज बोले, 'मैं भी कहां जा रहा हूं, मैं भी नहीं छोड़ूंगा।'

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