गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया!

Jan 16, 2023 - 01:23
Jan 16, 2023 - 01:23
 0  4.2k
गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया!
गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया!
गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया!
गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया!

गुना शहर के प्रसिद्ध टेकरी सरकार मंदिर ट्रस्ट का विवाद 2019 के बाद एक बार फिर गहराया! बीते दिवस पंचायत मंत्री ने ट्रस्ट पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सर्किट हॉउस में बैठक की थी, लेकिन नहीं बन सकी कोई सहमति।

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में मंदिर का संचालन एक प्राइवेट ट्रस्ट करता है। जिसके अध्यक्ष नारायण प्रसाद अग्रवाल हैं। वर्ष 2019 में तत्कालीन कलेक्टर ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। जिसमें बनी सहमति के बाद ट्रस्ट में एक प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था। लेकिन ट्रस्ट के पदाधिकारियों की सहमति के बाद हुए आदेश की खिलाफत करते हुए एक सदस्य ने कोर्ट में आवेदन देकर कलेक्टर के आदेश पर स्टे ले लिया था। वहीं कमिश्नर कोर्ट में भी कलेक्टर के आदेश के खिलाफ अपील कर दी थी, जो अभी तक लंबित है।

बता दें कि हनुमान टेकरी मंदिर शहर से करीब 4 किमी दूर है। जहां दर्शन करने के लिए गुना जिले के साथ अन्य जिलों के अलावा प्रदेश भर से नागरिक पहुंचते हैं। खास बात यह है कि इस मंदिर पर सबसे जयादा श्रद्धालु मंगलवार ओर शनिवार को हनुमान जी सरकार के दर्शन करने आते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्य मंदिर सरकारी जमीन पर बना हुआ है एवं यह जमीन मंदिर माफी की है। मंदिर के अलावा नीचे की तरफ ट्रस्ट ने कुछ जमीनें दान में लीं और कुछ खरीदकर मंदिर परिसर का व्यापक विस्तार किया है। हनुमान जयंती के दिन बहुत बड़ा मेला लगता है। इस दौरान लाखो लोग मंदिर पर दर्शन करने आते हैं।

प्रशासन का कहना है कि मंदिर जब सरकारी जमीन पर है तो ट्रस्ट में प्रशासनिक अधिकारी को रखा जाना चाहिए। इस विवाद को लेकर हाल ही में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सर्किट हाउस पर प्रशासन और ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक ली। जो करीब एक घंटे तक चली लेकिन किसी प्रकार की सहमति नहीं बन पाई।

सूत्र अनुसार पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बीते दिवस को सर्किट हाउस में एक बैठक आयोजित की। जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी, कलेक्टर और एडीशनल एसपी मौजूद रहे। ट्रस्ट के सदस्यों ने तर्क दिए कि यदि ट्रस्ट सरकारी हो जाता है तो मंदिर की व्यवस्थाएं ठीक से नहीं चल पाएंगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जिले के निहाल देवी मंदिर, बीसभुजा देवी मंदिर सरकारी ट्रस्ट से ही चलते हैं। जिसके बाद स्थिति यह है कि वहां पर ठीक से पुताई तक नहीं हो पाती है। इसलिए हनुमान टेकरी मंदिर प्राइवेट ट्रस्ट के हाथों में ही रहना चाहिए।

इधर प्रशासन ने ट्रस्ट पदाधिकारियों द्वारा दिए गए तर्कों को यह कहते हुए खारिज किया कि आप उज्जैन के महाकाल मंदिर सहित कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों का उदाहरण देख लीजिए, उनका भी संचालन सरकारी ट्रस्ट ही करता है। इनकी व्यवस्थाएं बहुत बेहतर हैं और सुचारू रूप से मंदिर की व्यवस्थाएं चलती हैं। इसलिए यह कहना गलत है कि सरकारी ट्रस्ट मंदिर का संचालन ठीक से नहीं कर पाएगा। वहीं ट्रस्ट के पदाधिकारी इसे प्राइवेट ही बने रहने पर अड़े रहे। सूत्रों का कहना है कि पंचायत मंत्री ने भी ट्रस्ट को प्राइवेट बने रहने देने की वकालत नहीं की। कुल मिलाकर इस मामले में फिलहाल कोई सहमति नहीं बन पाई है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

211
211