भारत एवं राम के बीच कोई मजहब नहीं आता : स्वामी चिन्मयानंद

Jan 21, 2024 - 19:07
Jan 21, 2024 - 19:08
 0  243
भारत एवं राम के बीच कोई मजहब नहीं आता : स्वामी चिन्मयानंद

शाहजहाँपुर (आरएनआई) स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के इतिहास विभाग के द्वारा श्री अयोध्या धाम में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के स्वर्णिम क्षण के उपलक्ष्य में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ कविता भटनागर के द्वारा  श्री राम स्तुति से हुआ। डॉ व्याख्या सक्सेना के द्वारा अतिथियों का चंदन तिलक एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। सरदार राजू बग्गा एवं सरदार हरचरण सिंह चन्नी के द्वारा कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती को सरोपा भेंटकर सम्मानित किया गया। इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास खुराना के द्वारा कार्यक्रम का परिचय दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि जब हम राम की बात करते हैं तो देश की संपूर्ण विरासत की बात होती है। हमारी संस्कृति विश्व बंधुत्व, वसुधैव कुटुंबकम एवं सर्वे भवंतु सुखिनः की भावनाओं से ओतप्रोत रही है। श्री राम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा वास्तव में राष्ट्र को मजबूत करने हेतु नई शुरुआत है। यह एक ऐसा शुभ अवसर है जब हम आपस की दूरियों एवं आपस के वैमनस्य को भूलकर तथा अहंकार से ऊपर उठकर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के द्वारा भारत की जनता के मन में भय पैदा किया गया एवं उस भय के कारण ही तमाम विवाद उत्पन्न हुए। राम के राज्य में कोई कष्ट नहीं थे क्योंकि सभी आपस में प्रेम से रहते थे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सरदार अंग्रेज सिंह ने कहा कि धर्म केवल एक ही है- मानवता। धर्म के पहलू अलग-अलग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि राम शब्द हजारों बार गुरु ग्रंथ साहिब में आया है। श्री राम मर्यादा के प्रतीक हैं। महाविद्यालय के सचिव डॉ ए के मिश्रा ने कहा कि राम को लोकनायक की संज्ञा दी जाती है। राम वस्तुतः त्याग, तपस्या एवं नेतृत्व के प्रतीक हैं। राम से बड़ा कोई नेता अभी तक नहीं हुआ। राम का चरित्र हमें प्रति क्षण एक शिक्षा देता है जोकि हमें सत्य की ओर उन्मुख करती है। राम का न तो कोई आदि है व न ही कोई अंत। राम के राज्य में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं था। वातावरण समरसता से परिपूर्ण था। कार्यक्रम के अतिथि मोहम्मद तसलीम खान जी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को हिंदुस्तान के सभी लोगों ने हृदय से कबूल किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर डॉ आदर्श पांडेय, डॉ शिशिर शुक्ला एवं डॉ बरखा सक्सेना के द्वारा स्वरचित कविताएं प्रस्तुत कीगईं। डॉ कविता भटनागर के द्वारा रामभक्ति से परिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन एस एस कॉलेज के उपप्राचार्य प्रो अनुराग अग्रवाल के द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ आर के आजाद के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रभु श्री राम की आरती के साथ हुआ। कार्यक्रम में डॉ प्रभात शुक्ला, डॉ मधुकर श्याम शुक्ला, डॉ जयशंकर ओझा, डॉ मेघना मेहंदीरत्ता, डॉ मीना शर्मा, डॉ आलोक सिंह, डॉ विकास पांडेय, डॉ धर्मवीर सिंह, डॉ दीपक सिंह, डॉ कमलेश गौतम, श्री अनिल मालवीय, आदेश पांडेय सहित  मुमुक्षु शिक्षा संकुल की पांचों शिक्षण संस्थाओं के सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

211
211