समान नागरिक संहिता पर आयोजित चर्चा में जुटे विभिन्न संगठन
(सौरभ चतुर्वेदी)

मथुरा (आरएनआई) उत्तराखंड में हाल ही में लागू हुई समान नागरिक संहिता के आलोक में भारतीय जनता पार्टी के 'एक देश-एक कानून' के नारे की गहराई को समझने-समझाने के क्रम में आज शहर के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि होलीगेट की उर्वशी मार्केट में आयोजित एक परिचर्चा में शामिल हुए। आम सहमति से यह निष्कर्ष निकाला गया कि समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा जन विरोधी, महिला विरोधी, असंवैधानिक, नागरिकों की निजता का हनन करने वाला, वर्ण व्यवस्था को पोषित करने वाला है तथा विविधता में एकता की भारतीय परंपरा को खारिज करके एक अधिनायकवादी सत्ता स्थापित करने का प्रयास है जिसके विरोध के लिए सभी लोकतंत्र समर्थकों को एकजुट होना चाहिए।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में इसी वर्ष 27 जनवरी के दिन समान नागरिक संहिता लागू कर दी गई थी। इसके विरोध में नैनीताल हाई कोर्ट में लगभग एक दर्जन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इन्हीं याचिका कर्ताओं में से एक तथा समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह संहिता महिलाओं को किसी भी रूप में कोई लाभ नहीं पहुंचाती, बल्कि इस्लाम धर्म में महिलाओं को पैतृक संपत्ति में मिले अधिकार को भी छीन लेती है।
आगे उन्होंने कहा कि यूसीसी कानून से अपनी मर्जी से अंतरधार्मिक, अंतर्जातीय विवाह करने वाले युवाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा तथा इससे ऑनर किलिंग की घटनाएं बढ़ेंगी। इसके साथ ही यूसीसी के तहत हर आयु के नागरिकों को 16 पन्नों का पंजीकरण फार्म भरना अनिवार्य है जिसके लिए तमाम जटिलताओं में उलझाने के साथ ही कई बेहद निजी जानकारियाँ माँगकर भी भाजपा सरकार लोगों का उत्पीड़न कर रही है। यह फॉर्म जनजातीय समाज के लोगों को छोड़कर उत्तराखंड में पिछले 1 वर्ष से रह रहे किसी भी उम्र के व्यक्ति को भरना आवश्यक है उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद गुजरात में भी इस पर एक कमेटी नियुक्त कर दी गई है और धीरे-धीरे पूरे देश में इसका विस्तार होगा इसलिए उत्तर प्रदेश के निवासियों को समय से पहले ही इसे समझकर अपना विरोध दर्ज करना चाहिए।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में यूसीसी क़ानून समूचे देश के लिए बनाया जा सकता है। इसे बनाने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं है।
वक्ताओं ने कहा कि यूसीसी कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता को लेकर दिये गये पुट्टा स्वामी जजमेंट का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि आधार का इस्तेमाल केवल सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए ही जरूरी होगा परंतु यूसीसी में विवाह, तलाक, वसीयत व लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए आधार व उसके साथ जुड़े मोबाइल नंबर को अनिवार्य बना दिया गया है। और पंजीकरण न कराने पर कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रावधान रखा गया है। यूसीसी के तहत पंजीकरण न कराने वाले सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह रोककर भी उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय सांप्रदायिकता विरोधी समिति की ओर से कॉमरेड शिवदत्त चतुर्वेदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के माध्यम से भाजपा सरकार अपना सांप्रदायिक एजेंडा आगे बढ़ाकर नागरिकों के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है तथा संवैधानिक मूल्यों को खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक भी इसी तरह का अल्पसंख्यकों पर किया गया हमला है। मथुरा में भी जो लोग सदियों से आपसी प्रेम और भाईचारे के तहत रहते आए हैं उन्हें भी ईदगाह और जन्मभूमि के विवाद में उलझा कर भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं। अखिल भारतीय सांप्रदायिकता विरोधी समिति 1977 से ही सामाजिक सौहार्द और विश्वास बहाल करने के लिए प्रयास करता रहा है और आगे भी प्रेम और शांति का माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ यह संगठन सतत संघर्षरत रहेगा।
इस अवसर पर सोशलिस्ट अड्डा टीम की ओर से पवन सत्यार्थी, शिल्पी प्रतिहारी, आरती कर्दम, कुलदीप, रचना, रवींद्र सिंह बिष्ट आदि की ओर से प्रगतिशील व क्रांतिकारी विचारों के पोस्टर्स तथा बुक स्टॉल लगाए गए।
इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी बाबू रमेश चंद्र गर्ग ने गांधीवादी मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए सेवा दल के कार्यकर्ता मनोज गौड़ को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया, जिन्होंने अंत में धन्यवाद ज्ञापित कर सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
बैठक में कांग्रेस जिला अध्यक्ष मुकेश धनगर, भाकपा माले के नेता बीएम मेहता, इप्टा की ओर से योगेश शर्मा, आम आदमी पार्टी नेता रवि भारद्वाज, आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शर्मा, एआईएसएफ से रवि उपाध्याय, एडवोकेट ललित मोहिनी स्वरुप शर्मा, कृति जोशी, एडवोकेट डॉक्टर प्रवीण भास्कर, एडवोकेट नवनीत चतुर्वेदी, जनवादी लेखक संघ की ओर से टीकेंद्र सिंह शाद, अशोक कर्मवीर, राहुल चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी, काँग्रेस नेता विक्रम बाल्मीकि, लता सिंह चौहान, कीर्ति कुमार कौशिक, आकाशदीप, जगवीर सिंह, पंचम सिंह आजाद, आदिति सनवाल, अर्पित जादौन, सुरेंद्र चतुर्वेदी, इंद्रजीत गौतम, डॉक्टर राणा प्रताप सिंह, विवेक मथुरिया, दिनेश चतुर्वेदी, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे। संचालन समाजवादी लोक मंच की ओर से सौरभ इंसान ने किया।
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