स्किन कलर एनालिटिक्स वाले चीनी निगरानी कैमरे बढ़ा रहे मानवाधिकार संबंधी चिंता

इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट (आईपीवीएम) की रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माता कंपनी दहुआ ने 'स्किन कलर एनालिटिक्स' को 'स्मार्ट सुरक्षा समाधान की बुनियादी विशेषता' बताकर इसका बचाव किया है।

Aug 12, 2023 - 10:05
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स्किन कलर एनालिटिक्स वाले चीनी निगरानी कैमरे बढ़ा रहे मानवाधिकार संबंधी चिंता
चीनी निगरानी कैमरे

अमेरिका स्थित सुरक्षा और निगरानी उद्योग अनुसंधान समूह की ओर से कहा गया है कि इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट (IPVM) की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी निगरानी उपकरण निर्माता दहुआ (Dahua) यूरोप में "स्किन कलर एनालिटिक्स" फीचर वाले कैमरे बेच रहा है। यह जानकारी अमेरिकी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने दी।

अमेरिकी मीडिया द्वारा एक्सेस की गई 31 जुलाई की इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट (आईपीवीएम) रिपोर्ट में निर्माता कंपनी ने स्किन कलर एनालिटिक्स को 'स्मार्ट सुरक्षा समाधान की बुनियादी विशेषता' बताकर इसका बचाव किया। फरवरी, 2021 में आईपीवीएम और एक अमेरिकी अखबार ने बताया था कि दहुआ ने चीनी पुलिस को उइगर समुदाय की रियल टाइम संकेत के साथ एक वीडियो निगरानी प्रणाली प्रदान की थी, जिसमें भौंहों का आकार, त्वचा का रंग और जातीयता शामिल थी।
आईपीवीएम की 2018 की सांख्यिकीय रिपोर्ट से पता चलता है कि 2016 के बाद से दहुआ और एक अन्य चीनी वीडियो निगरानी कंपनी हिकविजन (Hikvision) ने चीन के शिनजियांग (Xinjiang) प्रांत की सरकार के साथ एक अरब अमेरिकी डॉलर के अनुबंध किए हैं। शिनजियांग प्रांत उइगर समुदाय के जीवन का केंद्र है। दरअसल, स्किन कलर एनालिटिक्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से उइगर समुदाय का पता लगाने के लिए किया जा रहा है।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मानव शरीर की विशेषताओं के लिए दहुआ के आईसीसी ओपन प्लेटफॉर्म गाइड में त्वचा का रंग और स्वभाव शामिल है। जिसे दहुआ डाटा डिक्शनरी का नाम देता है। इस बारे में कंपनी का कहना है कि त्वचा के रंग के प्रकार जिन्हें ये विश्लेषणात्मक उपकरण लक्ष्य बनाते हैं वे पीले, काले, और सफेद हैं।
आईपीवीएम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि त्वचा के रंग का पता लगाने का उल्लेख कार्मिक नियंत्रण श्रेणी में किया गया है। यह एक ऐसी सुविधा है जिसे दहुआ अपने स्मार्ट ऑफिस पार्क समाधान के हिस्से के रूप में पेश करता है जिसका उद्देश्य चीन में बड़े कॉर्पोरेट परिसरों के लिए सुरक्षा प्रदान करना है।
आईपीवीएम रिपोर्ट की सह-लेखक चार्ल्स रोलेट के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने बताया कि मूल रूप से ये वीडियो एनालिटिक्स क्या करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि आप कैमरों को चालू करते हैं, तो यह स्वचालित तरीके से उसकी त्वचा का रंग निर्धारित करने का प्रयास करेगा जो वहां से गुजरेगा, जिसे वह वीडियो फुटेज के रूप में कैद करेगा। उन्होंने कहा, तो इसका मतलब यह है कि कैमरा अनुमान लगा रहा है या यह निर्धारित करने का प्रयास कर रहा है कि सामने वाले व्यक्ति की त्वचा का रंग काला, पीला या सफेद है या नहीं।
आईपीवीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि दहुआ तीन यूरोपीय देशों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर वाले कैमरे बेच रहा है। इनमें जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड्स शामिल है और इनमें से प्रत्येक का हाल ही में नस्लीय तनाव का इतिहास रहा है। दहुआ ने कहा कि इसकी त्वचा टोन विश्लेषण क्षमता निगरानी तकनीक में एक आवश्यक कार्य है।
आईपीवीएम को दिए एक बयान में दहुआ ने कहा, विचाराधीन प्लेटफॉर्म पूरी तरह से किसी एक नस्लीय, जातीय या राष्ट्रीय समूह को लक्षित करने वाले उपकरणों का निर्माण नहीं करने की हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। आम तौर पर ऊंचाई, वजन, बाल जैसी अवलोकन योग्य विशेषताओं की पहचान करने की क्षमता और आंखों का रंग और त्वचा के रंग की सामान्य श्रेणियां स्मार्ट सुरक्षा समाधान की एक बुनियादी विशेषता है।
आईपीएमवी ने कहा कि कंपनी ने पहले उल्लिखित सुविधा की पेशकश से इनकार कर दिया है और मुख्यधारा के निगरानी तकनीकी उत्पादों में रंग का पता लगाना असामान्य है। कई पश्चिमी देशों में चेहरे की पहचान के लिए निगरानी तकनीक में त्वचा के रंग के कारण होने वाली त्रुटियों पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। निगरानी अनुप्रयोगों में त्वचा के रंग की पहचान करना मानवाधिकार और नागरिक अधिकारों की चिंताओं को बढ़ाता है।
रोलेट ने कहा, इसलिए इसे त्वचा के रंग के आधार पर देखना असामान्य है क्योंकि यह एक विवादास्पद और नैतिक रूप से जोखिम भरा क्षेत्र है। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के प्रौद्योगिकी प्रबंधक अन्ना बैकियारेली ने बताया कि दहुआ प्रौद्योगिकी में त्वचा टोन विश्लेषण शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने एक ईमेल में कहा, मानवाधिकारों का सम्मान करना और उनके कार्यों के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले किसी भी मानवाधिकार जोखिम को रोकने या कम करने के लिए कदम उठाना सभी कंपनियों की जिम्मेदारी है।

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