बंधकों की रिहाई के लिए इस्राइल-हमास संघर्ष पर लगा रहेगा विराम

इस्राइली सेना ने कोई समय सीमा बताए बिना कहा कि कि बंधकों को रिहा कराने के लिए फिलहाल संघर्ष विराम जारी रहेगा। 

Nov 30, 2023 - 10:50
 0  189
बंधकों की रिहाई के लिए इस्राइल-हमास संघर्ष पर लगा रहेगा विराम

यरुशलम, (आरएनआई) पश्चिम एशिया के गाजा में युद्ध और 47 दिनों के हिंसक संघर्ष में अब तक 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।  हालांकि, बीते सात अक्तूबर से शुरू हुआ रक्तपात 24 नवंबर को कतर की प्रभावी मध्यस्थता और हस्तक्षेप के बाद बीते छह दिनों से थमा हुआ है। आज इस समझौते का आखिरी दिन था। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि क्या फिर से जंग शुरू हो जाएगी। हालांकि, अब जानकारी सामने आई है कि थोड़े दिन और युद्ध नहीं होगा। 

समझौते की अवधि समाप्त होने से कुछ समय पहले ही दोनों पक्षों ने फैसला लिया कि इस्राइल और हमास के बीच युद्ध नहीं होगा। इस्राइली सेना ने कोई समय सीमा बताए बिना कहा कि कि बंधकों को रिहा कराने के लिए फिलहाल संघर्ष विराम जारी रहेगा। इस बीच, हमास ने कहा कि संघर्ष विराम को सातवें दिन के लिए बढ़ाने पर सहमति बनी है।

इस्राइल और हमास के युद्ध की शुरुआत के कई दिन बीतने के बाद यह जानना रोचक है कि युद्धविराम के प्रमुख कारक क्या हैं? किन देशों के प्रभावी दखल के कारण इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम हुआ? यह जानना भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, कतर के अलावा कई और देश भी फलस्तीन को अलग मान्यता देने की वकालत कर रहे हैं। टकराव खत्म कर शांति बहाली की अपील के बीच इस्राइल इसलिए भी कठघरे में है क्योंकि उस पर बड़े भूभांग पर कब्जा करने के आरोप हैं। इस्राइली आक्रामकता और फलस्तीन का विवाद काफी पेचीदा है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस हमास गाजा पर नियंत्रण के साथ-साथ फलस्तीन का प्रतिनिधि होने का दावा भी करता है। हालांकि, फलस्तीन का प्रशासन (PA) हमास से जुड़ाव को सिरे से खारिज करता है।

24 नवंबर से संघर्ष विराम समझौता प्रभावी हुआ। इसके तहत हमास ने 50 से अधिक इस्राइली और विदेशी नागरिकों को बंधन से आजाद किया। बता दें कि हमास पर लगभग 250 लोगों को बंधक बनाने के आरोप हैं। हमास ने संघर्षविराम की शर्तों के तहत जब आम लोगों को कब्जे से मुक्त किया तो बदले में इस्राइल को भी जेलों में कैद 100 से ज्यादा फलस्तीनी कैदियों को रिहा करना पड़ा। बाद में 27 नवंबर की देर शाम संघर्ष विराम दो दिनों के लिए बढ़ाने जाने की खबर सामने आई। इसके अनुसार हमास 20 और इस्राइलियों को बंधन से आजाद करेगा। बदले में इस्राइल भी कैदियों को रिहा करेगा। युद्धविराम में कतर की भूमिका क्या रही? मिस्र और अमेरिका ने भी चार दिवसीय संघर्ष विराम को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। भारत ने भी शांति बहाली और 'टू-स्टेट' समझौते का पक्ष लिया है।

युद्ध विराम के बाद यह जानना रोचक है कि हिंसक संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों की क्या राय थी? राजनयिकों का मानना है कि इस्राइल के किसी भी बड़े फैसले में युद्ध कैबिनेट, प्रधानमंत्री कार्यालय और खुफिया एजेंसी- मोसाद की भूमिका होती है। सामरिक मामलों के जानकारों का मानना है कि तीनों में से मोसाद के युद्धविराम बढ़ाने के फैसले के समर्थन करने की सबसे अधिक संभावना है। युद्ध विराम पर हमास की भूमिका भी रोचक है। खबरों के अनुसार हमास भी इसके समर्थन में दिखता है। एक बयान के अनुसार हमास ने कहा, मानवीय युद्धविराम समझौते की चार दिन की अवधि बीतने के बाद भी हम सीजफायर का विस्तार चाहते हैं। हमास अधिक से अधिक फलस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है।

चार दिवसीय युद्धविराम समझौते से इतर भी हमास ने विशेष हालात में एक इस्राइली-रूसी शख्स रोनी क्रिवॉय को भी बंधन मुक्त किया था। इसके अलावा थाईलैंड के 17 नागरिकों और फिलीपींस के एक नागरिक सहित 18 विदेशी नागरिकों को भी गाजा से मुक्त किया गया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अलग-अलग बातचीत के आधार पर इन्हें छोड़ा गया है। इन लोगों को इस्राइल-हमास युद्धविराम समझौते के तहत नहीं छोड़ा गया है।

राजनयिकों का मानना है कि इस्राइल के किसी भी बड़े फैसले में युद्ध कैबिनेट, प्रधानमंत्री कार्यालय और खुफिया एजेंसी- मोसाद की भूमिका होती है। सामरिक मामलों के जानकारों का मानना है कि तीनों में से मोसाद के युद्धविराम बढ़ाने के फैसले के समर्थन करने की सबसे अधिक संभावना है। युद्ध विराम पर हमास की भूमिका भी रोचक है। खबरों के अनुसार हमास भी इसके समर्थन में दिखता है। एक बयान के अनुसार हमास ने कहा, मानवीय युद्धविराम समझौते की चार दिन की अवधि बीतने के बाद भी हम सीजफायर का विस्तार चाहते हैं। हमास अधिक से अधिक फलस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.