सही तथ्यों को छुपा कर अपनों को बचाकर जांच में कर डाली लिता पोती

Mar 15, 2024 - 10:38
Mar 15, 2024 - 10:38
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हाथरस (आरएनआई) बागला ब्लड बैंक में तैनात स्टाफ द्वारा डोनर कार्ड का दुरुपयोग कर रक्त की कालाबाजारी करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जगह जांच में लीपापोती करने वाले जांच अधिकारी सीएमएस डा.सूर्य प्रकाश की शिकायत जिले के प्रभारी मंत्री, जिलाधिकारी व सदर विधायक से कर कार्यवाही की मांग आपको बताते चलें एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक हृयूमन राइट्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय ने रक्त की कालाबाजारी को लेकर एक ज्ञापन सीएमओ डा.मनजीत सिंह को 28 दिसंबर को दिया था प्रकरण की जांच के लिए सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया जांच कमेटी के अध्यक्ष डा.सूर्य प्रकाश ने अपने चहेते कर्मियों को बचाकर जांच में लीपापोती कर दी रक्त लेने वाला स्वयं वीडियो में कह रहा है कि मैं सरकारी ब्लड बैंक से 2100/ ₹ मे रक्त की युनिट लेकर आया हूँ फिर भी जांच कमेटी के अध्यक्ष डा. सूर्य प्रकाश ने कोई कार्यवाही नहीं की क्योंकि जो-जो ब्लड बैंक कर्मी इस रक्त की कालाबाजारी के रैकेट में संलिप्तत है वह डा. सूर्य प्रकाश के खासमखास और चहेते है इनके इशारों पर कार्य करते हैं और ऐसी खबरें मिली है कि जिला अस्पताल में बहुत बडा गोरखधंधा सीएमएस डा.सूर्य प्रकाश के इशारों पर यही खासमखास कर्मी करते हैं इसी कारण इनकी तैनाती डा.सूर्य प्रकाश द्वारा की गई है  उक्त ज्ञापन के बाद कालाबाजारी मे संलिप्त ब्लड बैंक कर्मियों मे खलबली मच गई अपने बचाव मैं ब्लड कर्मियों ने इरफान पर दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया ब्लड बैंक इंचार् कमलेश कुमार ने अपने मोबाइल नंबर 9455535601 से 28 दिसंबर को समय लगभग सांय 5:16 मिनट पर इरफान के मोबाइल नंबर 7078409846 पर फोन का जल्द से जल्द बागला अस्पताल पहुंचने के लिए कहा ना आने पर इस प्रकरण में फंसने की बात कही इरफान डर की वजह से दबाव में आ गया और अस्पताल पहुंच गया ब्लड बैंक इंचार्ज कमलेश कुमार ने इरफान को दबाव में लेकर एक पत्र लिखवाया कि मुझसे ₹1100 ही लिए गए हैं मैंने कोई भी अतिरिक्त राशि नहीं दी है यह जानकारी भी इरफान ने मेरे द्वारा फोन करने पर बताई जो जिसकी बातचीत की रिकॉर्डिंग फोन में मौजूद है तब मैं इरफान से जाकर मिला तब उसने बताया की ब्लड बैंक से फोन आया था मैंने उसकी फोन की डायलिंग की फोटो भी खींच ली जिसमें ब्लड बैंक इंचार्ज कमलेश कुमार के मोबाइल नंबर 9455535601 से कॉल आना दर्शाया गया है तथा साथ ही साथ इरफान ने फोन पर बातचीत में कहा कि अब उन्होंने मुझसे ₹1100 देने की बात लिखवाली है तब मैंने कहा कि तुम्हें तो केवल सच्चाई ही सामने लानी है  उक्त प्रकरण में रक्त की कालाबाजारी करने वालों को बचाने के उद्देश्य ₹1100 ब्लड बैंकिंग चार्ज द्वारा लेने का पत्र लिखवाना इरफान के फोन पर फोन जाना कई ब्लड बैंक कर्मियों की साजिश नजर आती है जो इसमें संलिप्त है जांच कमेटी के अध्यक्ष सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश जी द्वारा उक्त रक्त की कालाबाजारी करने वाले ब्लड बैंक कर्मियों को बचाना सीएमएस साहब की भूमिका को दर्शाता है जांच कमेटी ने स्पष्ट तथ्यों को नकार कर अपने चहेते स्टाफ को बचाने के उद्देश्य से गलत तथ्य दर्शाकर लीपापोती कर दी है (जांच आख्या की छाया प्रति संलग्न है) इससे यह यकीन हो रहा है कि कहीं यह रक्त की कालाबाजारी का घिनौना कृत्य सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश जी के संरक्षण में तो नहीं चल रहा है क्योंकि जितने भी ब्लड बैंक कर्मी रक्त की कालाबाजारी मे संलिप्त है वह सभी सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश जी के खासमखास है और इनके बहुत चहेते है इनकी नियुक्ति ही ऐसे घिनौने कृत्य कर पैसा कमाना के लिए की गई हो जिस प्रकार रक्त लेने वाले इरफान के ब्यान के आधार पर क्लीन चिट दी है मैने अपने ब्यानों मे लैटर लिखवाने के सबूत उपलब्ध कराये थे उनको कहीं भी सम्मलित नहीं किए गए हैं उक्त प्रकरण की निष्पक्ष तरीके से जांच व दोषियों के खिलाफ एवं सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश जी की भूमिका की जांच कर विभागीय, कानूनी कार्रवाई कराने के लिए पुनः लिखित शिकायत जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरूण, जिलाधिकारी अर्चना वर्मा व सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर के साथ साथ ट्विटर व सोशल मीडिया के द्वारा की गई है। 

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