सिंधिया 2019 में भी हारे थे, 2024 में भी हारेंगे: राव यादवेंद्र सिंह

कांग्रेस प्रत्याशी का दावा, जनता ने बना लिया है कांग्रेस को वोट देने का मन

Apr 4, 2024 - 18:52
Apr 4, 2024 - 18:55
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गुना (आरएनआई) लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह देर रात तक क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लोगों से मुलाकात के दौरान यादवेंद्र लोगों ने कांग्रेस के लिए समर्थन मांग रहे हैं, बल्कि भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी जमकर हमलावर नजर आ रहे हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान यादवेंद्र ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि सिंधिया इस बार चुनावी टक्कर में नहीं हैं। उन्हें साल 2019 में भी जनता ने हराया था और 2024 में भी गुना-शिवपुरी-अशोकनगर लोकसभा क्षेत्र की जनता सिंधिया को चुनाव हराएगी। इसकी वजह स्पष्ट करते हुए यादवेंद्र ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक लोकसभा क्षेत्र में सिंधिया कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं कर पाए, खेती के लिए पर्याप्त सिंचाई परियोजनाएं नहीं ला पा रहे, उनके परिवार का साथ देने के बावजूद जनता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। गुना लोकसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए वायदे पूरा नहीं होने की वजह से आमजन ने अब कांग्रेस पर भरोसा जताने का मन बना लिया है। कांग्रेस गुना लोकसभा भी जीतेगे और केंद्र में सरकार भी बनाएगी। यादवेंद्र ने दावा किया कि क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद वे किसानों के लिए सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराएंगे। साथ ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा।

लोकसभा क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नि की सक्रियता को लेकर यादवेंद्र ने दावा किया है कि सिंधिया बीते 5 साल क्षेत्र में नजर नहीं आए। चुनाव आते ही पूरा परिवार आ जाता है। मुंगावली में आयोजित महिला सम्मेलन में शामिल होने आईं प्रियदर्शिनी के कार्यक्रम में प्रशासन द्वारा भीड़ जुटाने में मदद करने का आरोप लगाते हुए यादवेंद्र ने दावा किया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया गया। इसके बाद कार्यक्रम में भीड़ जमा हो पाई थी। 

ओला प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलने के सवाल पर यादवेंद्र ने दावा किया है कि ज्योतिरादित्य ने चुनावी साल होने की वजह से किसानों को मुआवजा दिलाने में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि यह मुआवजा राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। जबकि यादवेंद्र स्वयं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 10 हजार रुपए बीघा के हिसाब से मुआवजा दिलाने की मांग कर चुके थे। लेकिन कुछ सैकड़ा रुपए देकर सिंधिया और भाजपा किसानों के साथ एहसान करने जैसा व्यवहार कर रही है।

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