सीमा सुरक्षा बल व पुलिस के संयुक्त प्रयास द्वारा 02 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया
लक्ष्मी शर्मा
कूचबिहार (आरएनआई) श्री सी डी अग्रवाल, कार्यवाहक महानिरीक्षक, बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर, कदमतला के गतिशील नेतृत्व में सीमा सुरक्षा बल के सीमा प्रहरी न केवल भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि सीमावर्ती आबादी में सुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं और मानवीय सहायता भी प्रदान कर रहे हैं।
दिनांक 04 फरवरी 2024 (रविवार) को लगभग 2 बजे, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र पर 98 बटालियन बीएसएफ के बीओपी चंगराबांधा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल की मानव तस्करी विरोधी इकाई के सीमा प्रहरियों को संभु बसाक (35 वर्ष) पुत्र नारायण बसाक निवासी चंगराबांधा के घर में दो नाबालिग लड़कियों की तस्करी और संदिग्ध रूप से वेश्यावृत्ति में शामिल होने के संबंध में एक सूचना प्राप्त हुई । बीएसएफ बीओपी चंगराबांधा ने इस मामले की सूचना मेखलीगंज पुलिस को दी ।
दिनांक 04 फरवरी 2024 (रविवार) को लगभग 21 : 30 बजे, बीओपी चंगराबांधा व मेखलीगंज पुलिस के द्वारा संयुक्त अभियान चलाया और संभु बसाक (35 वर्ष) पुत्र नारायण बसाक निवासी चंगराबांधा क्षेत्र के घर पर छापा मारा।
लगभग 22 : 15 बजे, ऑपरेशन पार्टी के संयुक्त प्रयासों द्वारा दो नाबालिग लड़कियों (एक मंगोलडाई, दर्रांग (असम) की रहने वाली और दूसरी धीपू, कार्बोआंगलिंग (असम) की रहने वाली) को सुरक्षित बचाया गया। पुलिस ने संभु बसाक को गिरफ्तार कर लिया है।
बचाई गई दोनों नाबालिग लड़कियां पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें मेखलीगंज कोर्ट में पेश किया जा रहा है ।
सीमा सुरक्षा बल हमेशा सीमा पर रहने वाले जरूरतमंद लोगों की सहायता और निकासी की आपातकालीन आवश्यकता के समय मदद करता है। ‘‘सीमा के प्रहरी‘‘ न केवल भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, बल्कि सीमावर्ती लोगों के लिए मानवीय भूमिका भी निभा रहे हैं।
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