33 अफसर और 36 पुलिस अधिकारियों को धमकी, गोरखपुर मठ के नाम से किए फोन; गैंग में कथावाचक भी शामिल
गोरखपुर मठ के नाम पर पुलिस से वसूली की कोशिश में संभल पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर कोतवाल से 20 हजार मांगने में कथावाचक समेत तीन गिरफ्तार किए गए हैं।

संभल (आरएनआई) गोरखपुर के मठ के नाम से कोतवाल को अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये मांगने के आरोप में पुलिस ने एक कथावाचक समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के सिहामऊ निवासी कथावाचक नारेंद्र, सुधीर कुमार मिश्रा और रामपुर के पटवाई थाना क्षेत्र के परतापुर निवासी राज शामिल है।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल के कहने पर गोरखपुर मठ के नाम से कोटपूर्वी निवासी विपुल गुप्ता को फोन पर धमकाया भी था। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि कपिल सिंघल ने अपने विरोधी विपुल गुप्ता को धमकी दिलाने के लिए 30 हजार रुपये एडवांस दिए थे। बाद में भी रुपये दिए जाने थे।
कपिल सिंघल का विपुल गुप्ता के साथ लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है। आरोपियों ने कोतवाली प्रभारी रहे अनुज तोमर को अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की थी। एसपी ने बताया कि विपुल गुप्ता को धमकाने के मामले में इन आरोपियों के साथ कपिल सिंघल भी आरोपी है। इस मामले में पहले ही एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
आरोपियों ने कोतवाली प्रभारी रहे अनुज तोमर के सीयूजी नंबर पर 30 जनवरी को कॉल की थी। कहा था कि वो गोरखपुर के मठ से बात कर रहे हैं। आरोपियों ने इंडियन फ्रोजन फूड कंपनी (मीट फैक्टरी) के मालिक से बात कराने के लिए कहा था।
आरोपी लगातार फोन करते रहे लेकिन कोतवाली प्रभारी ने बात नहीं कराई थी। एसपी ने बताया कि आरोपी मीट फैक्टरी मालिक को धमकाने और वसूली करने के इरादे से साजिश कर रहे थे। कोतवाल ने इरादा समझ लिया था इसलिए बात नहीं कराई थी।
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि यह गिरोह मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मुहर लगाकर अधिकारियों को पत्राचार कर रहा था। इसके अलावा छानबीन में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने एक महीने के अंदर 33 राजस्व अधिकारियों को प्रदेशभर में कॉल की है।
इसी तरह 36 पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर 135 बार कॉल की गई है। बताया कि इस गिरोह की छानबीन आगे भी की जा रही है। उसके आधार पर कार्रवाई आगे की जाएगी। इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जानी है।
कपिल सिंघल ने विपुल गुप्ता की करोड़ों रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए इस गिरोह का सहारा लिया था। मठ से बताकर फर्जी कॉल कराई थी। जिसमें एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।
मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ अभी तक छह एफआईआर हो चुकी हैं। हमें पहले से अंदेशा था कि हमारा उत्पीड़न हो सकता है। इसलिए ही 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री से लखनऊ जाकर मिले थे। पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी।
मुख्यमंत्री ने भी पूरा भरोसा दिलाया था कि उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन जो दूसरे दल के लोग भाजपा में शामिल हुए हैं उन्होंने उच्च अधिकारियों को भ्रमित किया है। इसलिए यह गलत कार्रवाई की जा रही हैं। हमारा उत्पीड़न हो रहा है। यह कहना है पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल का।
रविवार को राजेश सिंघल ने अपने कोटपूर्वी स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके भाई कपिल सिंघल ने दोस्ती में विश्वास करके एक व्यक्ति के नाम करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति कर दी थी। इसमें पेट्रोल पंप, प्लॉट, ट्रक, कार व बाइक आदि शामिल हैं। दो दिन पहले उसी व्यक्ति ने उनके भाई और भतीजे समेत 13 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। जबकि उस व्यक्ति के नाम जो संपत्ति है, वह सारी उनके भाई कपिल सिंघल की है। यह जानकारी समाज के लोगों को भी है, कई बार इस मामले में पंचायत भी हो चुकी है।
आगे कहा कि उनके भाई की स्क्रैप फैक्टरी 18 अप्रैल को कैलादेवी थाना पुलिस ने किसी भ्रष्ट अधिकारी के कहने पर सील कर दी। जबकि फैक्टरी संचालन के सभी दस्तावेज हैं। आगे कहा कि उनकी लाइसेंसी रिवॉल्वर उनके पास है लेकिन उनकी रिवॉल्वर बताते हुए उनके खिलाफ भी असमोली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है जो पूरी तरह गलत है।
राजेश सिंघल ने आगे कहा कि उन्हें शासन प्रशासन पर पूरा भरोसा है कि जो एफआईआर दर्ज की गई हैं इनकी जांच करने पर हकीकत सामने आ जाएगी। यदि पुलिस प्रशासन से न्याय नहीं मिलता है तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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