'हम चाहते तो हैं 24 घंटे काम.. हर रात 50 फाइलें पढ़ने के बाद कितनी ऊर्जा बचेगी'; जज को ऐसा क्यों कहना पड़ा
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हम चाहते हैं कि हम 24 घंटे काम कर सकें। प्रति रात 50 फाइलें पढ़ने के बाद... इस नियमित मामले की सुनवाई के लिए कितनी ऊर्जा बची है।

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वह चाहते तो हैं कि 24 घंटे काम कर सकें। प्रति रात 50 फाइलें पढ़ने के बाद... इस नियमित मामले की सुनवाई के लिए कितनी ऊर्जा बचती है। शीर्ष अदालत ने इस टिप्पणी के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई बुधवार को स्थगित कर दी। इस कानून में सीजेआई को चुनाव आयुक्तों के चयन पैनल से हटा दिया गया था।
जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने संकेत दिया कि वह अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई कर सकती है। एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने पीठ से कहा कि मामले की आज और कल सुनवाई की जाए और मामले का निपटारा कर दिया जाए। इस पर पीठ ने कहा, कल तीन जजों की पीठ आंशिक रूप से मामले की सुनवाई करेगी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हम चाहते हैं कि हम 24 घंटे काम कर सकें। प्रति रात 50 फाइलें पढ़ने के बाद... इस नियमित मामले की सुनवाई के लिए कितनी ऊर्जा बची है। आइए देखते हैं कि हम अगले सप्ताह इस मामले में क्या कर सकते हैं।
2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। एडीआर के साथ साथ जया ठाकुर (मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की महासचिव), संजय नारायणराव मेश्राम, धर्मेंद्र सिंह कुशवाह और अधिवक्ता गोपाल सिंह ने भी अधिनियम पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।
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