'VVPAT के अधिक से अधिक उपयोग पर अभियान जारी रखेगी कांग्रेस' : जयराम रमेश

 पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महाचिव जयराम रमेश ने कहा, वीवीपीएटी से जुड़ी जिस याचिका को आज शीर्ष अदालत ने खारिज किया, उसमें कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी।

Apr 27, 2024 - 03:40
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'VVPAT के अधिक से अधिक उपयोग पर अभियान जारी रखेगी कांग्रेस' : जयराम रमेश

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस चुनावी प्रक्रिया में लोगों के भरोसे को बढ़ाने के लिए वीवीपीएटी के व्यापक इस्तेमाल को लेकर अपना सियासी अभियान जारी रखेगी। पार्टी ने की ओर से यह प्रतिक्रिया तब सामने आई है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने सुक्रवार को ईवीएम के जरिए डाले गए मतों के पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महाचिव जयराम रमेश ने कहा, वीवीपीएटी से जुड़ी जिस याचिका को आज शीर्ष अदालत ने खारिज किया, उसमें कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी। रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हमने दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का संज्ञान लिया है और चुनावी प्रक्रिया में जनता के भरोसे को बढ़ाने के लिए वीवीपीएटी के व्यापक इस्तेमाल पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले को कांग्रेस पर करारा तमाचा बताने पर रमेश ने कहा, जब शीर्ष अदालत उनकी चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द किया तो भाजपा को करारा तमाचा लगा था। फिर भी प्रधानमंत्री कहते हैं कि वीवीपीएटी पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला विपक्ष पर करारा तमाचा है और हमें देश से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने एक्स पर कहा, याद रखिए कि कुछ हफ्ते पहले सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार से ग्रस्त चुनावी बॉन्ड योजना को न केवल अवैध बल्कि असंवैधानिक घोषित करके प्रधानमंत्री पर एक करारा तमाचा जड़ दिया था। कांग्रेस नेता ने कहा, प्रधानमंत्री को चंदा संग्रह के अपने इन चार चर्चित रास्तों के जरिए पिछल पांच वर्षों में 8200 करोड़ रुपये जमा करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। एक- चंदा दो, धंधा लो। दूसरा- ठेका लो, घूस दो। तीसरा-हफ्ता वसूली और चौथा फर्जी कंपनियां। 

शीर्ष अदालत ने ईवीएम मशीनों के जरिए डाले गए सभी मतों का वीवीपीएटी मशीन से सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस प्रणाली के किसी भी पहली पर आंख मूंदकर भरोसा न करना गलत तरीके से शक पैदा करता है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना औ दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब सभी संस्थाओं के बीच सद्भाव और भरोसा पैदा करना है। उन्होंने इस मामले की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

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