तीरंदाजी कठिन नहीं, एकाग्रता व दृढ़ता से लक्ष्य भेद सकते: डीएम

जिम व तीरंदाजी खेल मैैदान का उद्घाटन डीएम व सीडीओ ने किया

Oct 9, 2023 - 18:48
Oct 9, 2023 - 18:50
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तीरंदाजी कठिन नहीं, एकाग्रता व दृढ़ता से लक्ष्य भेद सकते: डीएम

शाहजहांपुर/09.10.2023/जिलाधिकारी श्री उमेश प्रताप सिंह ने  जिला खेल कार्यालय, स्पोर्टस स्टेडियम, हथौड़ा शाहजहाँपुर में वेटलिफ्टिंग हाल व तीरंदाजी खेल की फेसिंग का फीता काट कर लोकापर्ण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने तीरंदाजी कर निशाना भी साधा। जिलाधिकारी ने बेटलिफ्टिंग मशीनों के बारे में जानकारी लेते हुए एक्सरसाइज भी की।
लोकार्पण के दौरान जिलाधिकारी ने मौजूद प्रतिभागियों से परिचय भी प्राप्त किया, जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में बताया की तीरंदाजी किस प्रकार प्राचीन समय से एक बहुत ही महत्वपूर्ण कला है, उन्होंने बताया की प्राचीन समय में तीरंदाजी की माध्यम से ही युद्ध लड़े जाते थे। आज के युग में भी ये कौशल उतना ही महत्वपूर्ण है जितना प्राचीन समय में था। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार तीरंदाजी में किसी भी लक्ष्य को भेदने के लिए ध्यान केंद्रित करके निशाना साधना होता है उसी प्रकार जीवन में भी किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा ध्यान केंद्रित करना होता है। साथ ही उन्होंने बताया की शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत ही आवश्यक है। नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है, और आत्मविश्वास बढ़ता है।
सोमवार को जिला खेल कार्यालय व जिला तीरंदाजी संघ के समन्वय द्वारा जिम व तीरंदाजी खेल के मैदान का उद्घाटन मुख्यातिथि जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह, विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी एसबी सिंह ने जदुनाथ स्टेडियम में फीता काट व फलक का अनावरण किया। जिम पर डीएम व सीडीओ ने बेट उठाकर भी देखा। डीएम व सीडीओ का जिला क्रीड़ाधिकारी एसपी बमनिया ने बुके व महासचिव मृदुल कुमार गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने बैच लगाकर स्वागत किया। जिलाधिकारी व सीडीओ ने धनुष से लक्ष्य भी साधकर बच्चों को प्रेरित किया।
डीएम उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि तीरंदाजी विधा द्वापर व त्रेता  युग से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान राम व कृष्ण भी धनुष से ही युद्ध लड़ा करते थे। महाभारत काल में तीर कमान से सारे युद्ध लड़े गए। तीरंदाजी संघ व खेल कार्यालय द्वारा तीरंदाजी प्रतिभाग का संरक्षित व विकसित करने के लिए जो कोशिश की जा रही वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सांस को रोककर व लक्ष्य को एकाग्रता से ही प्राप्त किया जा सकता है। जिस तरह अर्जुन ने चिडिय़ा की आंख पर अपना तीर बिना मछली को देखे मारा था। युवा पीढि़ तीरंदाजी के ओर बढ़े और कोशिश करे कि वह अपने जनपद का नाम ओलम्पिक तक रोशन कर सके।
सीडीओ एसबी सिंह ने कहा कि तीरंदाजी खेल प्रतियोगिता जिला स्तर पर प्रारंभ जल्द होंगी। बच्चों की खेल के प्रति रूचि व उनके सर्वागीण विकास के लिए कोशिश जारी हैं। तीरंदाजी खेल से अन्तर्राष्ट्रीय व ओलम्पिक तक खिलाड़ी को भेजना का सपना सब मिलकर साकार कर दिखाएंगे। महासचिव मृदुल गुप्ता ने कहा कि तीरंदाजी सीखना कोई कठिन बात नहीं हैं, बस अपने लक्ष्य को साधने के लिए प्रयत्न व पूर्वाभ्यास की जरूरत है। जिला खेल अधिकारी एसपी बमनिया ने कहा कि खेल का महत्व जीवन में बहुत जरूरी है, एथलेटिक्स के साथ तीरंदाजी में भी प्रत्येक छात्र-छात्राएं व अन्य लोग रूचि लें। जिससे तीरंदाजी में भी शाहजहांपुर नाम रोशन करें।
कोच बरेली राघवेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में तीरंदाजी का प्रदर्शन बरेली से आए खिलाडिय़ों ने 30 मीटर का लक्ष्य भानूप्रताप सिंह, अर्जुन सिंह, स्पर्श द्विवेदी, आशुतोष शर्मा, अभय सिंह, गजेन्द्र सहित अन्य ने किया। तीरंदाजी संघ के संयुक्त सचिव बृजेश कुमार, मीडिया सचिव अंकित गुप्ता, कोषाध्यक्ष चिवनाथ पाल, सदस्य अभिनव गुप्ता, विनय कुमार, जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केन्द्र मयंक भदौरिया, रीजिनल बैंक ऑफ बड़ौदा ऑफिसर रंजीव बंसल, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अजय पाल, जिला ओलम्पिक संघ सदस्य नरेन्द्र त्यागी आदि मौजूद रहे। बरेली से आए कोच व खिलाडिय़ों का डीएम ने सम्मान किया। जिला खेल कार्यालय व तीरंदाजी संघ के पदाधिकारियों ने मेमेंटो देकर अतिथियों को आभार जताया।
डीएम उमेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में घोषणा की। खेल मैदान को आने वाले रास्ते का निर्माण जल्द करवाया जाएगा। जिससे तीरंदाजी सहित अन्य खेल के लिए आने वाले खिलाडिय़ों को दिक्कत न हो। पीडब्लूडी एक्सईन को निर्देशित कर दिया गया। साथ ही 10 इंडियन राउण्ड एक लाख रूपए के, एक लाख 35 हजार के रिकर्व, एक लाख 50 हजार के कम्पाउण्ड धनुष मंगवाने के दिए निर्देश दिए गए । साथ ही 22 हजार के तीन टारगेट भी आएंगे।

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