अपने ही जाल में फंसा पाकिस्तान, भारत के खिलाफ झूठ फैलाने की बेशर्म कोशिश बेनकाब

नई दिल्ली (आरएनआई) पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान फंस गया है। एक तरफ भारत ने सख्त रुख अपनाया हुआ है और भारत की तरफ से हमले का भी डर है। वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आंतक को पनाह देने के आरोप में घिरने की भी आशंका है। ऐसे में पाकिस्तान की सेना ने बेशर्मी दिखाते हुए भारत पर ही झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाने की नापाक चाल चली, लेकिन पाकिस्तानी सेना तकनीक और योजना के स्तर पर इतनी अक्षम साबित हुई कि पाकिस्तान खुद अपने बिछाए जाल में फंस गया है। दरअसल आईएसपीआर मॉनीटर और डिजिटल लैब वोयेगर इंफोसेक ने अपनी रिपोर्ट में परत-दर-परत पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब किया है।
बीती 29 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा डीजी आईएसपीआर के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार के साथ एक प्रेस वार्ता कर भारत पर मनगढ़ंत आरोप लगाए। पाकिस्तान ने अपनी नाकामी को छिपाते हुए बीते दिनों बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले के पीछे भारत का हाथ होने का झूठा आरोप लगाया। इतना ही नहीं उन्होंने बेशर्मी की हद पार करते हुए दावा किया कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद अपने प्रॉक्सी की मदद से पाकिस्तान में कई जगहे हमले करने को कहा है। इस दौरान पाकिस्तान ने काट-छांट कर बनाए गए स्क्रीनशॉट आदि जैसे फर्जी कथित सबूत भी पेश किए।
जांच में पाकिस्तानी सेना की पूरी जालसाजी और मनगढ़ंत कहानियों का खुलासा हुआ है। उन्होंने स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ करके यह पूरी कहानी रची, जिससे पाकिस्तानी सेना की तकनीकी अक्षमता और भ्रामक प्रचार का पता चलता है।
आमतौर पर कोई भी आतंकी या हैंडलर क्लोनड् या नॉन एक्टिव डिवाइस से अपने आकाओं से संचार करते हैं, लेकिन पाकिस्तान ने जो कथित सबूत पेश किए हैं, जिसमें हैंडलर की वाट्सएप पर बात हो रही है, उसमें साफ दिख रहा है कि एक्टिव और दो सिम वाले डिवाइस से हैंडलर ने बात की। यह फोरेंसिक तथ्य ही पाकिस्तान के आरोपों को झूठा साबित करने के लिए काफी है।
हैंडलर की कथित बातचीत का जो एक अन्य स्लाइड साझा किया गया, उसमें साफ दिख रहा है कि हैंडलर ऑनलाइन है, जबकि यह स्लाइड कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना ने हैंडलर से जब्त कर लिया था। असल में इस फोन को या तो एयरप्लेन मोड पर होना चाहिए था या पूरी तरह से इसे सभी नेटवर्क से अलग किया जाना चाहिए था। ऐसे में सेना द्वारा जब्त फोन में हैंडलर का ऑनलाइन दिखना ही पाकिस्तानी सेना की समझ पर बड़ा सवालिया निशान है।
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