गुना जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया की सतर्कता से हुआ खुलासा: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से गुना जिले में शिक्षक बने 2 अभ्यर्थियों की नियुक्ति समाप्त

दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान सामने आई जालसाजी दर्ज होंगी FIR

Jun 17, 2023 - 18:49
Jun 17, 2023 - 18:49
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गुना जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया की सतर्कता से हुआ खुलासा: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से गुना जिले में शिक्षक बने 2 अभ्यर्थियों की नियुक्ति समाप्त

गुना। जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया की शासकीय कार्य के प्रति सतर्कता और विभाग में विभिन्न कार्यों पर पैनी नजर का नतीजा है कि जालसाजी के चलते गुना जिले में जिन दो प्राथमिक शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है उनमें शासकीय प्राथमिक विद्यालय मनोरापुरा ब्लॉक आरोन में पदस्थ दीपक शर्मा पुत्र मुन्नालाल शर्मा निवासी ग्राम- गुर्जना पोस्ट भर्रा ,जौरा जिला मुरैना है। दूसरा शासकीय हाईस्कूल भगवतीपुरा विकासखंड राघौगढ़ में पदस्थ वैदेहीचरण शर्मा पुत्र हेमंत शर्मा निवासी ग्राम तिलोंजरी तहसील कैलारस  जिला मुरैना, शामिल हैं।

जिले की शिक्षक भर्ती के दोरान जिला शिक्षा अधिकारी गुना द्वारा सत्यापन प्रक्रिया के विभिन्न कार्यों हेतु  नियुक्त किये। शिक्षक नरोत्तम यादव ने जिला शिक्षा अधिकारी गुना के हवाले से बताया कि विगत शैक्षणिक सत्र के अंत में मार्च माह के दौरान मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हुई शिक्षक भर्ती में गुना जिले के स्कूलों लगभग 382 प्राथमिक शिक्षक,, 38 माध्यमिक शिक्षक,, एवं 64उच्च माध्यमिक शिक्षक उपस्थित हुए। उनमें सेमें सेवाएं दे रहे 2 शिक्षकों को कूटरचित दिव्यांग प्रमाण पत्र से आरक्षित दिव्यांग श्रेणी में नौकरी हासिल करने व नियुक्ति के समय प्रारूप 2(ए),2 (ब)के शपथ पत्र में असत्य जानकारी देने के चलते इनकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई है दोनों पर पुलिस प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है सभी 2 अभ्यर्थी मुरैना जिले के मूल निवासी है जांच के दौरान उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र कूट रचित पाए गए थे इन्होंने शिक्षकों के लिए आरक्षण का लाभ हेतु निर्धारित की गई विभिन्न चयनित कैटेगरी में से दिव्यांगता का प्रमाण पत्र संलग्न किया गया था,अलग-अलग चयनित कैटेगरी में आरक्षण का लाभ लेते हुए दोनों शिक्षकों ने गुना जिले के विभिन्न स्कूलों में  प्राथमिक शिक्षक के पद पर जॉइनिंग देकर नियुक्ति हासिल कर ली थी।

शिक्षक नरोत्तम यादव ने बताया कि वैदेही चरण शर्मा द्वारा चयनित कैटेगरी के रूप में फर्जी विकलांगता का लाभ लेकर UR/HH/OP आरक्षण की श्रेणी मे नौकरी प्राप्त की जोकी हार्ड ऑफ हियरिंग HH यानी अत्यधिक बहरापन की श्रेणी मानी जाती है। इसी प्रकार दीपक शर्मा पुत्र मुन्ना लाल शर्मा द्वारा EWS/HH/OP आरक्षण श्रेणी का लाभ उठाकर के नौकरी प्राप्त की गई इनके द्वारा "स्वर्ण गरीब"  के साथ-साथ हार्ड ऑफ हियरिंग HH अत्यधिक बहरापन, दो प्रकार के आरक्षण का लाभ लेते हुए नौकरी प्राप्त की गई।

शिक्षक भर्ती के दौरान दस्तावेजों का परीक्षण तो हुआ ही था साथ ही अभ्यर्थियों से प्रारूप 2A,व 2B में ₹100 के स्टांप पर नोटरी के साथ यह शपथ पत्र भी लिया गया था कि उनके द्वारा जो जानकारियां दी गई है और जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं उसमें अगर कोई भी जानकारियां,या दस्तावेज असत्य पाए जाते हैं तो उनकी सेवा तत्काल समाप्त की जा सकेगी तथा अपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जा सकेगा।

गौरतलब हे कि विकलांग प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को दिव्यांगता कि श्रेणी में आरक्षण हासिल हो गया था। जिला शिक्षा अधिकारी शेखर सिसोदिया द्वारा दोनों शिक्षकों कीसेवा समाप्ति के आर्डर जारी करते हुए नियुक्ति निरस्त करते हुए पुलिस अधीक्षक गुना को प्राथमिकी दर्ज करने हेतु सूचित कर दिया गया है।

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