फसल अवशेष प्रबन्धन पर गोष्ठी का किया गया आयोजन
हरदोई (आरएनआई) राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसल अवशेष/पराली में आग लगाना दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। उसके तहत 02 एकड़ तक रू० 2500.00, 05 एकड़ तक रू0-5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक होने पर रू-15000.00 अर्थदण्ड का प्राविधान है। कहीं भी फसल अवशेष/पराली की घटना न हो इसके लिए पुलिस विभाग, राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा प्रतिदिन संवेदनशील ग्रामों का भ्रमण किया जा रहा है तथा किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। आज विकास खण्ड बावन के ग्राम ऐजा फार्म में फसल अवशेष प्रबन्धन पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप बिल एण्ड मिलिन्डा गेट फाउण्डेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि डोनाल्ड नाकारूमा एवं उनके तकनीकी सहयोगी सैबल पाउल एवं अर्श हाशमी गोष्ठी में उपस्थित रहे, जिसमें किसानों को फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण एवं भूमि को हो रहे नुकसान से जागरूक किया गया तथा किसानों को निःशुल्क वेस्ट डिकम्पोजर वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त उपरोक्त फाउण्डेशन के प्रतिनिधि द्वारा एफ०पी०ओ० कटियारी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा किये जा रहे पराली प्रबन्धन के कार्य का निरीक्षण किया गया। एफ०पी०ओ० कटियारी फार्मर प्रोड्यूसर द्वारा अवगत कराया गया कि पराली प्रबन्धन के तहत धान की कटाई कम्बाइन से कराने के उपरान्त उसे रेक से इकठ्ठा कर बेलर से पराली के बंडल बनाये जा रहे है। उपरोक्त एफ०पी०ओ० द्वारा पराली के बंडलों को हिन्दुस्तान पेट्रालियम कॉर्पाेरेशन लि0 बदायू को आपूर्ति की जा रही है। श्री डोनाल्ड नाकारूमा द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु किये जा रहे कार्याे की सहारहना की। उप कृषि निदेशक ने किसानों से अपील की उपरोक्त की तरह अपने खेतों के फसल अवशेष/पराली को बेलर की सहायता से बंडल बनाकर उक्त एफ०पी०ओ० को उपलब्ध कराये, जिससे पराली के बदले में धन प्राप्त हो सकेगा तथा आपकी आय में वृद्धि होगी और किसान को अपने खेत में फसल अवशेष/पराली जलाने की नौबत नहीं आयेगी। उप कृषि निदेशक ने किसानों को पराली प्रबन्धन के बारे में बताया कि किसान भाई अपने खेत में फसल प्रबन्धन के कृषि यंत्रों का प्रयोग करके फसल अवशो/पराली को खेत की मिट्टी मिला सकते है, जिससे मिटटी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। ष्पराली दो खाद लोष् अभियान के तहत ग्राम दुधिया विकास खण्ड की गौशाला में किसानों द्वारा 15 ट्राली पराली दान की गयीं, जिसके बदले में उन्हें गोबर की खाद प्राप्त करायी गयी। उक्त के अतिरिक्त ग्राम सबिरपुर विकास खण्ड बावन में वेस्ट डिकम्पोजर का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें किसानों को वेस्ट डिकम्पोजर के प्रयोग की पूरी विधि बतायी गयी। उप कृषि निदेशक ने बताया कि वेस्ट डिकम्पोजर की एक सीसी को 200 लीटर पानी एक ड्रम में मिलाएं उसमें 02 किलोग्राम गुड़ घोलकर किसी छायादार स्थान पर रखकर लकड़ी से सुबह-शाम घोले, जिससे 48 घण्टे में यह घोल तैयार हो जायेगा। इस घोल का पराली/ कूड़ा-करकट पर छिड़काव कर फिर पुनः आठ से दस दिन बाद पराली/कड़े के ढेर को पलट कर छिड़काव करने से पराली सड़कर कम समय से अच्छी खाद तैयार हो जायेगी, जिसे कृषक अपने खेतों में खाद के रूप में प्रयोग कर सकेंगे। डा. नन्द किशोर, उप कृषि निदेशक, श्री रामप्रकाश, खण्ड विकास अधिकारी, जिला/अर्थ एवं संख्याधिकारी, श्री विनीत कुमार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, सदर, प्रभारी, राजकीय कृषि बीज भण्डार, बावन, क्षेत्रीय स्टाफ एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहें।
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