हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने पेश किया 58,444 करोड़ का बजट

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई है।

Feb 17, 2024 - 15:07
Feb 17, 2024 - 16:01
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हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने पेश किया 58,444 करोड़ का बजट

शिमला (आरएनआई) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 40,446 करोड़ रुपये हैं। कुल राजस्व व्यय 45,926 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। 2023-24 के संशोधित अनुमानों के अनुसार 5,480 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुमानित हैं।  वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियां 42,153 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है तथा कुल राजस्व व्यय 46,667 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4 हजार रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 10 करोड़ रुपये अनुमानित है जोकि प्रदेश के उत्पाद का 4.75 प्रतिशत है। 2024-25 के बजट अनुसार प्रति 100 रुपये व्यय में से वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 17, ब्याज अदायगी पर 11, ऋण अदायगी पर 9 रुपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10, जबकि शेष 28 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। 

सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लीव एनकैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित बकाया का भुगतान 1 मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगा। सभी सहकारी सभाओं का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। 1 अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते की किस्त जारी की जाएगी। 1 अप्रैल 2024 के बाद प्रदेश के कर्मचारी अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी की सुविधा मिलेगी। दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी।  आउटसोर्स कर्मियों को अब न्यूनतम 12,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पंचायत वैटनरी असिसटेंट को मिलने वाले 7000 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 7500 किया जाएगा।

बढ़े हुए मानदेय के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10000 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7000 रुपये, सहायिका को 5500, आशा वर्कर 5500, मिड-डे मील वर्कर्ज 4,500, जलवाहक (शिक्षा विभाग) 5000, जल रक्षक 5300, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता को 5000, पैरा फिटर तथा पंप ऑपरेटर 6300, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी, आउटसोर्स कर्मीअब न्यूनतम 12,000, पंचायत चौकीदार को 8000, राजस्व चौकीदार को 5800, राजस्व लंबरदार 4200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500, एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 1900 रुपये, आईटी शिक्षकों को 1900 , एसपीओ को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी दी जाएगी।

 पंचायती राज संस्थाओं में जिला परिषद अध्यक्ष के मानदेय में 4000, उपाध्यक्ष 3000, सदस्य जिला परिषद 1300, अध्यक्ष पंचायत समिति 1900, उपाध्यक्ष पंचायत समिति 1400, सदस्य पंचायत समिति 1200, प्रधान 1200 व उपप्रधान के मानदेय में 800 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि के साथ सदस्य ग्राम पंचायत को प्रति बैठक मिलने वाले मानदेय में 250 रुपये की वृद्धि की घोषणा की है।  स्थानीय नगर निकायों में महापौर के मानदेय में 4000, उपमहापौर नगर निगम 3000, पार्षद नगर निगम1 400, अध्यक्ष नगर परिषद 1700, उपाध्यक्ष नगर परिषद 1400, पार्षद नगर परिषद 700 रुपये तथा प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1400 रुपये, उप प्रधान नगर पंचायत के मानदेय में 1100 रुपये व सदस्य नगर पंचायत के मानदेय में 700 रुपये की वृद्धि की गई है। 

सभी 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र की नियुक्ति की जाएगी। वन विभाग में वन रक्षक 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा। भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि को 3000 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये  किया गया। पुलिस कर्मियों की डाइट मनी बढ़कर 1000 रुपये की गई। सभी वाहनों की फिटनेस  स्वचालित परीक्षण केंद्र के माध्यम से अनिवार्य होगी। बगलामुखी रोपवे का निर्माण कार्य पूरा करके इसी वर्ष में इसे प्रदेश की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। 10 वन मंडलों में लगभग 13 हजार खैर के पेड़ काटने की योजना है। इससे प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि होगी। माननीय न्यायालय अनुमति के से चीड़ के पेड़ काटने की अनुमति के लिए भी याचिका दायर करेगी। इससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ ईको सिस्टम की गुणवत्ता भी सुधरेगी। निरमंड, कुनिहार और उबादेश (कोटखाई), छोटा भंगाल तथा कांगड़ा के चौराह घाटी में अग्निशमन इकाईयां खुलेंगी।

सुक्खू ने ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने पर पुरस्कार राशि बढ़ाकर तीन से पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा की।  रजत पदक जीतने पर  दो की जगह तीन तीन करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर खिलाड़ी को एक की जगह अब दो करोड़ मिलेंगे। इसी तरह एशियाई खेलों में स्वण पदक जीतने पर पुरस्कार राशि से  50 लाख से बढ़ाकर 4 करोड़, रजत पर 30 से 2.50 करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर 20 लाख से 1.50 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक पर 50 लाख की जगह तीन करोड़, रजत पर 30 लाख की जगह  दो करोड़ व कांस्य पर 20 लाख की जगह 1 करोड़ रुपये मिलेंगे।  टीम स्पर्धा में पुरस्कार विजेताओं को प्रतिनिधित्व के आधार पर पुरस्कार राशि दी जाएगी। 

राज्य से बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को एएसी थ्री टायर किराया तथा 200 किलोमीटर से अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए इकॉनोमी क्लास एयर फेयर दिया जाएगा। सरकारी विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर तीन प्रतिशत खेल कोटा के तहत सम्मिलित वर्तमान 43 खेलों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जाएगी।  अन्य सभी खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी मिलेगी। सभी खिलाड़ियों को प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जाएगी।  प्रदेश के खेल हॉस्टलों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी।
नगर निगम धर्मशाला, सोलन और शिमला और नगर परिषद् नालागढ़ और परवाणू में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित ऐसे व्यक्तियों को 363 मकान आवंटित किए जाएंगे जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत ऐसे सभी लाभार्थियों को गृह निर्माण के लिए दी जा रही डेढ़ लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की गई। मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये की बढ़ोतरी। विधवा, एकल/बेसहारा/दिव्यांग महिला मनरेगा कामगारों को मकान बनाने के लिए लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।  वाल्मीकि समाज के आइयों तथा कामगारों के लिए आवास निर्माण में राहायता के लिए नई योजना महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना शुरू की जाएगी। 

मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना शुरू करने की बजट में घोषणा की गई है।  इसके अंतर्गत प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के आयकर  नहीं दे रहे सभी वृद्धों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी।  मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और दिव्यांग माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। वृद्धावस्था, विधवा, एकल नारी, दिव्यांग, कुष्ठ रोगी पेंशन के 40 हजार नए पात्र लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। 
विधायक प्राथमिकताओं के वित्तीय पोषण की वर्तमान सीमा को 175 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 195 करोड़ रुपये किया गया है। विधायक ऐच्छिक निधि को 13 लाख रुपये से बढ़ाकर 14 लाख रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र कर दिया जाएगा। विधायक क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत प्रति विधान सभा क्षेत्र राशि 2. 20 करोड़ रुपये की गई।  2024-25 में एक हजार करोड़ रुपये उन कार्यों पर खर्च किए जाएंगे जो पूरा होने के करीब हैं।
बजट में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना शुरू करने का एलान किया गया। इसके तहत बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन के अंतर्गत 2500 कृषि क्लस्टर समूहों को विकसित करके विभिन्न क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार होगी।  शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण होगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकुहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पासू तथा पालमपुर तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार और वाकनाघाट मंडियों का उन्नयन होगा। किसानों की सुविधा के लिए चैटबोट और एआई पर आधारित भू-अभिलेख, हेल्पडेस्क तथा किसानों के डाटाबेस सहित एक वेब आधारित कृषि पोर्टल और मोबाइल एप बनाया जाएगा। सब्जी उत्पादन के माध्यम से किसानों को उचित गुणवत्ता की पौध तथा उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए एक हाईटेक सब्जी नर्सरी उत्पादन उत्कृष्टता केंद्र खोला जाएगा।

पशुपालन तथा दूध उत्पादन को प्राकृतिक खेती से जोड़कर गाया के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वर्तमान 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर व भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।  हिमगंगा योजना के तहत कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर  प्रति दिन की क्षमता वाले  पूर्णत स्वचालित दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद संयंत्र की स्थापना की जाएगी।  ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। स्थानीय युवाओं को दूध ले जाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान पर 200 रेफ्रिजरेटेड दूध वैन उपलब्ध करवाई जाएगी।  सोलन जिले के दाड़लाघाट में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए एफएमडी टीकाकरण शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी।
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