वित्तीय सहायता प्राप्त कॉलेज में गिरता शिक्षा के स्तर जिम्मेदार कौन!
प्रधानाचार्य राजनीति में मस्त और विवादों में व्यस्त, दर्जनों विद्यालय बने हुए हैं रणभूमि किसी में जाति की तो किसी में मूंछों की लड़ाई।
मथुरा (आरएनआई) विद्यालयों को भावी पीढ़ी को शिक्षित कर उन्हें योग्य और देश की तरक्की का मंदिर कहा जाता है भगवान श्री कृष्ण की जन्म और क्रीडा स्थल मथुरा में शासन से वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालय जहां पर शिक्षण कार्य में लगे अध्यापकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में सरकारी खजाने से मोटी रकम प्रतिमाह मिलती है सरकार ने इन विद्यालयों में हाजिरी लगाने के लिए बरसों पूर्व बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के आदेश किए गए थे जिनका किसी विद्यालय में पालन नहीं हो रहा है विद्यालय के प्रधानाचार्य अधिकांश की रुचि विद्यालय के शिक्षण कार्य में नहीं बल्कि नेतागिरी करते हुए देखे जा सकते हैं जिनकी हाजिरी तो विद्यालय में लगी हुई है वास्तव में वह विद्यालय में नहीं रहते हैं उन्हें जिला मुख्यालय , विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की गणेश परिक्रमा करते देखा जा सकता है विगत कई वर्षों से शासकीय वित्तीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के परिणाम चिंता जनक होने के बावजूद ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रबंधन तंत्र कुंभकरण नींद सोया हुआ है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?






