सपा नेताओं ने नई नियमावली का किया विरोध

यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा विधानमंडल दल के नेताओं को सदन में उपस्थित रहने और सकारात्मक चर्चा के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सवालों का तथ्यात्मक जवाब दें।

Nov 28, 2023 - 11:32
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 सपा नेताओं ने नई नियमावली का किया विरोध

लखनऊ, (आरएनआई) यूपी विधानमंडल का चार दिवसीय सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के दिवंगत नेता आशुतोष टंडन को श्रद्घांजलि दी। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनके निधन से हम सभी दुखी हैं। हम उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित करते हैं। 

सत्र में सत्ता पक्ष ने विपक्ष को हर मुद्दे पर जवाब देने की रणनीति बनाई है तो विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। सत्र प्रारंभ होने से पहले लोकभवन में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और सकारात्मक चर्चा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब दें। बैठक में भाजपा के सहयोगी दलों के विधायक भी मौजूद रहे। निर्देश दिया गया है कि विधानसभा सत्र में मोबाइल बाहर रख दिया गया है अतः टीवी से ही अपडेट लेने का कष्ट करें।

विधानसभा का शीतकालीन सत्र नई नियमावली के साथ शुरू हो रहा है। सपा विधायकों ने इसका विरोध किया है और सदन में काले कपड़े पहनकर पहुंचे। इसके साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सरकार की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि यूपी सरकार बिजली, पानी और सड़क के मोर्चे पर पूरी तरह असफल साबित हुई है। सरकार खेती, किसानी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी नाकाम हुई है। सरकार सदन चलाने से भागती है और संवाद नहीं करना चाहती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि सदन की गरिमा बनाए रखें। सरकार जनता के हित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र की अवधि सिर्फ चार दिनों के लिए रखी गई है। इसका कारण है कि सरकार विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है। विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती है इसलिए सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है।

भाजपा नेता सिद्घार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष के लोगों को जनता ने सदन में चर्चा के लिए भेजा है लेकिन वो यहां प्रदर्शनकारी बनते हैं। ये लोग जनता के मुद्दे नहीं उठाना चाहते हैं।

शीतकालीन सत्र की कार्यवाही विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 2023 के अनुसार संचालित होगी। नई नियमावली के तहत विधायक सदन में मोबाइल, बैनर, झंडा और शस्त्र लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सपा ने इस नियमावली का विरोध किया है। विधानसभा सदस्य सदन में प्रदेश में किसी भी जगह से वर्चुअली भी शामिल हो सकेंगे। सदस्य सदन में विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास भी नहीं जा सकेंगे। इतना ही नहीं उच्चाधिकार प्राप्त आचरण पर तब तक आरोप नहीं लगा सकेंगे जब तक की उचित रूप से रखे गए मूल प्रस्ताव पर आधारित न हो। सदन में बोलते समय दर्शक दीर्घा में किसी अजनबी की ओर संकेत नहीं कर सकेंगे, न ही उसकी प्रशंसा कर सकेंगे। लॉबी में भी तेज आवाज में न तो बात कर सकेंगे न ही हंस सकेंगे।

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