महाराष्ट्र एटीएस को बड़ी सफलता: 2011 से वांछित प्रशांत कांबले 14 साल बाद रायगड से गिरफ्तार
महाराष्ट्र एटीएस ने 2011 से फरार नक्सली आरोपी प्रशांत कांबले को रायगढ़ के खोपोली से गिरफ्तार किया। वह कबीर कला मंच से जुड़ा था और गढ़चिरोली में माओवादियों के साथ सक्रिय था। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। अब 13 मई तक एटीएस की हिरासत में भेजा गया है।

मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने रविवार को 44 वर्षीय प्रशांत जलिंदर कांबले उर्फ लैपटॉप को रायगढ़ जिले के खोपोली से गिरफ्तार किया। कांबले पर नक्सलियों से संबंध होने का आरोप है, जिसके चलते वो 2011 से फरार था। कांबले के खिलाफ 2011 में एक अर्बन नक्सल केस दर्ज किया गया था, जिसमें माओवादी नेता मिलिंद तेलतुंबड़े (जो दो साल पहले गढ़चिरोली में मारा गया था) और एंजेला सोनटक्के भी नामजद थे।
कांबले पिछले 6-7 साल से खोपोली में छिपकर रह रहा था और वहां आदिवासी बच्चों को पढ़ा रहा था। पुणे के ताड़ीवाला रोड इलाके का रहने वाला कांबले कंप्यूटर और लैपटॉप रिपेयर का काम करता था, जिसके बाद वो 2010 में मुंबई काम के बहाने घर से निकला और फिर लौटकर नहीं आया।
अधिकारियों के अनुसार बाद में वह और संतोष शेलार नामक एक अन्य युवक गढ़चिरोली के जंगलों में सक्रिय माओवादी बन गए। जनवरी 2024 में जब संतोष शेलार बीमार हालत में पुणे लौटा, तो एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि जलिंदर कांबले कबीर कला नामक एक मंच से जुड़ा था।
इसके साथ ही अधिकारियों ने ये भी कांबले को हाई वैल्यू टारगेट बताया। साथ ही ये भी कहा कि वह कट्टर नक्सली विचारधारा का समर्थक है।नक्सल लिंक कांबले को 2011 में कोर्ट ने फरार घोषित कर गैर-जमानती वारंट और नोटिस जारी किया था। एटीएस की पुणे यूनिट ने गुप्त जानकारी के आधार पर उसे खोपोली से पकड़ा। उसे मुंबई की अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 13 मई तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया है।
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