गोवा के मंदिर में भगदड़ मामले में बड़ा खुलासा, पिछले साल भी लइराई जात्रा के दौरान हुआ था हादसा
शिरगांव में स्थित लइराई देवी मंदिर में मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। सरकार ने घटना की जांच के लिए आयुक्त एवं सचिव (राजस्व) संदीप जैक्स की अध्यक्षता में समिति गठित की है। जांच में सामने आया है कि पिछले साल भी लइराई जात्रा के दौरान ऐसा ही हादसा हुआ था।

पणजी (आरएनआई) शनिवार सुबह उत्तरी गोवा के शिरगांव में स्थित लइराई देवी मंदिर में मची भगदड़ के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि पिछले साल भी लइराई जात्रा के दौरान ऐसा ही हादसा हुआ था। गनीमत रही कि तब ऐसी स्थिति नहीं बनी थी। जांच में यह भी सामने आया कि हादसे का स्थान भी मिलता-जुलता था। पिछले साल हुई घटना के बाद भी मंदिर में वार्षिक उत्सव के दौरान सुरक्षा इंतजामों में ढिलाई बरते जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शिरगांव में स्थित लइराई देवी मंदिर में मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। वार्षिक लइराई जात्रा में शामिल होने के लिए गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र से करीब 70 हजार श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। भारी भीड़, ढलान वाले रास्ते के चलते कुछ श्रद्धालु गिरे, जिससे भगदड़ मच गई। सरकार ने घटना की जांच के लिए आयुक्त एवं सचिव (राजस्व) संदीप जैक्स की अध्यक्षता में समिति गठित की है। इसमें उप महानिरीक्षक वर्षा शर्मा, परिवहन निदेशक प्रविमल अभिषेक और पुलिस अधीक्षक टीकम सिंह वर्मा को शामिल किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि समिति ने कार्यक्रम में भीड़ प्रबंधन के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस और जिला अधिकारियों के बयान दर्ज किए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भगदड़ ढलान पर हुई, जहां हर साल ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं और समिति इसके पीछे के वास्तविक कारण का पता लगाने का प्रयास कर रही है। हमें पता चला है कि इसी तरह की घटना लेकिन मामूली स्तर पर पिछले साल मंदिर उत्सव के दौरान इसी स्थान पर हुई थी।
अधिकारी ने कहा कि समिति इसकी भी जांच करेगी कि घटना को रोकने के लिए सावधानी क्यों नहीं बरती गई? समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है। कलेक्टर स्नेहा गिट्टे, पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल, पुलिस उपाधीक्षक जिवबा दलवी, डिप्टी कलेक्टर भीमनाथ खोरजुवेकर, मंदिर समिति के सदस्यों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं, ताकि घटना के दिन क्या हुआ था, इसकी सही तस्वीर सामने आ सके।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान कई लोगों के बयान लिए जा रहे हैं, जिन्हें अलग करके घटना के बारे में एक मजबूत और तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जानकारी जुटाने और रिपोर्ट दाखिल करने में कम से कम दो दिन और लगेंगे। समिति भगदड़ में घायल हुए लोगों से भी बातचीत करेगी।
अधिकारी ने बताया कि कुछ पीड़ितों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। हम उनके बयान दर्ज करने से पहले उन्हें घर पर स्थिर होने के लिए एक दिन का समय देंगे। समिति इस तथ्य की भी जांच कर रही है कि तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण भगदड़ मची थी। उन्होंने कहा कि मंदिर तक जाने वाली गलियां संकरी होने के बावजूद मंदिर समिति ने मार्ग पर दुकानें लगाने की अनुमति दे दी, जिससे क्षेत्र में भीड़भाड़ और बढ़ गई।
लइराई मंदिर में वार्षिक लइराई जात्रा के दौरान शनिवार सुबह करीब 3 से 4 बजे के बीच भगदड़ हुई। मंदिर का रास्ता संकरा और ढलान वाला था। इस ढलान पर कुछ श्रद्धालु फिसले और भगदड़ मच गई। हादसे में घायल कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। लइराई मंदिर में हर साल वैशाख शुक्ल पंचमी पर विशेष उत्सव होता है। देवी के भक्त जात्रा के दिन धोंडची तली में स्नान करके अंगारों पर चलते हैं। इस दौरान हजारों श्रद्धालु जुटते हैं।
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