शेख हसीना और उनके सहयोगी को कारण बताओ नोटिस, अवमानना के मामले में न्यायाधिकरण ने की कार्रवाई
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दायर मुकदमे में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने कड़ी कार्रवाई की है। अदालत ने अवमानना के एक मामले में हसीना और उनके सहयोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

ढाका (आरएनआई) बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा घटनाक्रम में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने उनके सहयोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति मुर्तजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने एक ऑडियो क्लिप के आधार पर यह आदेश पारित किया। हसीना पर न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और धमकियां देने के आरोप लगे हैं।
आईसीटी में अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने बृहस्पतिवार को बताया कि हसीना और प्रतिबंधित छात्र लीग (BCL) नेता शकील आलम बुलबुल को 15 मई तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप प्रसारित हुआ, जिसमें कथित तौर पर पूर्व पीएम हसीना कह रही हैं, 'मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिला है। मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज किए गए हैं।' वकील तमीम ने बताया कि ICT ने क्लिप की फॉरेंसिक जांच के बाद नोटिस जारी किया। साल 2024 के अंत में ये ऑडियो वायरल हुआ था।
इससे पहले बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों के राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) लॉक कर दिए थे। डेली स्टार समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, हसीना समेत 10 व्यक्तियों की एनआईडी 16 फरवरी को एक आधिकारिक पत्र के जरिये लॉक कर दी गई थी। पत्र पर चुनाव आयोग में राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग के महानिदेशक एएसएम हुमायूं कबीर ने हस्ताक्षर किए थे।
अपदस्थ पीएम हसीना के अलावा उनके बेटे सजीब वाजेद, बेटी साइमा वाजेद, बहन शेख रेहाना सिद्दीक, ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक, शाहीन सिद्दीक, बुशरा सिद्दीक, रादवान मुजीब सिद्दीक और तारिक अहमद सिद्दीक के एनआईडी लॉक किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, एनआईडी लॉक होने का मतलब है कि इसकी जानकारी को अब सुधारा, सत्यापित या बदला नहीं जा सकता। चूंकि लॉक की गई एनआईडी अनुपयोगी हैं, इसलिए हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों को एनआईडी से जुड़ी कोई भी सेवा नहीं मिलेगी। हसीना (77) पिछले वर्ष 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। उन्हें देश में बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते देश छोड़कर निकलना पड़ा था।
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