पाकिस्तान को एक और झटका, भारत ने सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं पर लगाई रोक
भारत ने पाकिस्तान के लिए सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवाओं पर रोक लगा दी है। अब डाक और पार्सल को हवाई और जमीनी रास्तों से न ही भेजा जा सकेगा और न ही प्राप्त किया जा सकेगा। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

नई दिल्ली (आरएनआई) दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत एक के बाद एक कदम पाकिस्तान के खिलाफ उठा रहा है। डाक और पार्सल पर रोक लगाने का फैसला उसी कड़ी का हिस्सा है। आतंकी हमले में 26 लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तइबा से जुड़े गुट द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान शहीद हो गए थे।
इससे पहले पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए थे। इसमें 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया था। इसके साथ ही एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था। इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति देने पर रोक लगा दी गई थी। भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया था।
इससे पहले 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक बार फिर से पहलगाम हमले को लेकर दुख जताया था। साथ ही उन्होंने पहलगाम के दोषियों को कड़ी सजा देने की बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि पहलगाम की घटना ने देशवासियों को पीड़ा पहुंचाई है और इसे लेकर देशवासियों के मन में गहरी पीड़ा है। लोग पीड़ित परिजनों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। हर भारतीय का खून आतंक की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी और लोकतंत्र मजबूत हो रहा था। पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हो रही थी और लोगों की कमाई बढ़ रही थी, लेकिन देश के दुश्मनों को और जम्मू कश्मीर के दुश्मनों को ये रास नहीं आया। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो जाए। इस मुश्किल वक्त में 140 करोड़ देशवासियों की एकता सबसे बड़ा आधार है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्पों को मजबूत करना है। हमें एक दृढ़ राष्ट्र के रूप में अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करना है। भारत के लोगों में जो आक्रोश है, वो पूरी दुनिया में हैं। इस आतंकी हमले के बाद दुनियाभर से लगातार संवेदनाएं आ रही हैं। कई राष्ट्राध्यक्षों ने मुझे भी फोन करके पहलगाम की घटना पर दुख जताया है। इस जघन्य तरीके से किए गए आतंकी हमले की सभी ने कठोर निंदा की है। पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ खड़ा है। मैं पीड़ित परिवारों को भरोसा देता हूं उन्हें न्याय मिलेगा...और न्याय मिलकर रहेगा। इस हमले के दोषियों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा।
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