मथुरा में वारिसान बनवाने को  दर दर भटक रही महिला, जिलाधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी मांट न्याय दिलाने में असमर्थ, उपजिलाधिकारी मांट व तहसीलदार के रौब और रूतबे के आगे दम तोड़ता न्याय

May 19, 2025 - 17:12
May 19, 2025 - 17:13
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मथुरा में वारिसान बनवाने को  दर दर भटक रही महिला, जिलाधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी मांट न्याय दिलाने में असमर्थ, उपजिलाधिकारी मांट व तहसीलदार के रौब और रूतबे के आगे दम तोड़ता न्याय

मथुरा (आरएनआई) भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा से एक हैरान करने वाला ममला प्रकाश में आया है योगी सरकार में जीरो टॉलरेंस की नीति अधिकारियों के लिए दुधारू गाय साबित हो रही है क्योंकि इस नीति का भय दिखाकर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार हो रही है आरती गौतम सरकार के दरवाजे खटखटाते हुए न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार श्री कृष्ण जन्मभूमि पर ड्यूटी के दौरान उनकी आकस्मात् मृत्यु हो गयी। दुष्यंत मोहन गौतम सीआरपीएफ में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर श्री कृष्णजन्मभूमि पर तैनात थे। आरती गौतम को विशेष सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि मेरे देवर इन्द्र मोहन व अन्य सभी परिवारीजन ने यह तथ्य छिपाते हुए कि मृतक दुष्यन्त मोहन गौतम की पत्नी आरती गौतम व पुत्र निक्की उर्फ कार्तिक गौतम बतौर वारिसान मौजूद हैं को छिपाते हुए धोखाधड़ी व छल कपट कर एक षड़यंत्र के तहत सभी अपने नाम को आरती गौतम व उसके पुत्र को वारिसान न दिखाते हुए मेरे पति दुष्यन्त मोहन गौतम की मृत्यु के बाद वारिसान प्रमाणपत्र उपजिलाधिकारी कार्यालय सदर मथुरा से दिनांक 7 अक्टूबर 2022 को जारी करा लिया गया। आरती गौतम मांट तहसील के चक्कर लगा लगा कर परेशान हो गई है लेकिन उसकी सुनवाई न तो तहसीलदार कर रहे हैं और न ही एसडीएम साहब ने रौब दिखाते हुए उसको हड़काकर भगा दिया आरती गौतम का कहना है कि धोखे से बनवाया गया वारिसान प्रमाणपत्र निरस्त किया जावे। आरती गौतम व उसके पुत्र को उसके पति स्व दुष्यन्त मोहन गौतम के बतौर वारिसान प्रमाणपत्र बनाया जाबे पीड़िता ने बताया कि वह एक महिला है जिसका फायदा मेरे पति की मृत्यु उपरांत मेरे देवर इन्द्र मोहन और अन्य परिवारी जनों के द्वारा संपत्ति और नौकरी की फंड का गमन करने के लिये मेरे खिलाफ षड्यंत्र किया गया है। 
जिसका लाभ उठाकर विरोधी उनकी जमीन हड़पने का प्रयास कर रहे हैं इस मामले में उन्होंने मांट तहसील में उपजिलाधिकारी से लेकर मथुरा में जिलाधिकारी तक प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगा चुकी हैं लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है आरती गौतम के प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी  ने उप जिलाधिकारी मांट को मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश भी दिए थे लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पायी है। आरती गौतम के द्वारा हाल ही मै सीजेएम कोर्ट अलीगढ़ में प्रार्थना पत्र देकर कूटरचित वारिसान और जान से मारने की धमकी प्रार्थना पत्र दिया गया जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर सिविल लाइन थाने मुकदमा पंजीकृत दर्ज करने के आदेश पारित किया। आरती गौतम के देवर इन्द्र मोहन सहित उसके पांच भाई और एक ननद और सास सवित्री देेवी पर कूटरचित वारिसान और जान से मारने की धमकी का मुकदमा 16 मई 2025 को अलीगढ़ के सिविल लाइन मे थाने में दर्ज किया गया है। आरती गौतम के द्वारा बताया गया इन्द्र मोहन गौतम एक अपराधिक किश्म का व्यक्ति का है जिसका पहले से अपराधिक इतिहास है। बड़े अचरज की बात है आरती देवी के पास अपने स्व0 पति दुष्यंत मोहन के वारिसान होने के सारे साक्ष्य मौजूद है फिर उपजिलाधिकारी मांट द्वारा उनका वारिसान आज तक नहीं बनाया गया है। खायरा कोठी आसफाबाद केे प्रधान पप्पू सिंह के द्वारा अपने लेटर पैड पर आरती देवी चंद्रपुरा की विवाहिता और दुष्यंत मोहन की पत्नी बताया गया है। फिर भी आज तक आरती गौतम का वारिसान नहीं बना है। 


पीड़िता का आरोप है वारिसान बनवाने तहसील मांट गयी तो वहाॅ पर मेरे देवर इन्द्र मोहन और मेघश्याम आ गये और मुझे जान से मारने की धमकी दी। तू यहाॅ तहसील में आयी तो तुझे और तेरे बेटे कार्तिक मोहन को जान से मार देगे। एक गरीब महिला न्याय के लिये दर दर भटक रही लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।


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