दोनों गुर्दे खराब...प्रत्यारोपण के बाद एवरेस्ट फतह कर रचा इतिहास, पिता ने दिया जीवनदान
पेम्बा शेरपा ने 8,848 मीटर ऊंचे एवरेस्ट की चोटी पर नेपाल के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान, ‘शहीद धर्मभक्त राष्ट्रीय प्रत्यारोपण केंद्र’ और ‘अंगदान जीवनदान है, मृत्यु के बाद नष्ट होने वाले अंगों को दान करे’ संदेश वाला बैनर फहराया। पेम्बा पिछले बुधवार सुबह 9.30 बजे एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे। करीब एक महीने पहले उन्होंने बेस कैंप की ओर प्रस्थान किया था।

नई दिल्ली (आरएनआई) गुर्दा प्रत्यारोपण करा चुके पेम्बा शेरपा ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउन्ट एवरेस्ट (सागरमाथा) को सफलतापूर्वक फतह कर इतिहास रच दिया है। गुर्दा प्रत्यारोपण के बाद एवरेस्ट फतह करने वाले वह न सिर्फ पहले नेपाली बल्कि विश्व के पहले व्यक्ति बन गए हैं।
वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे अनेक लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं। पेम्बा ने 8,848 मीटर ऊंचे एवरेस्ट की चोटी पर नेपाल के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान, ‘शहीद धर्मभक्त राष्ट्रीय प्रत्यारोपण केंद्र’ और ‘अंगदान जीवनदान है, मृत्यु के बाद नष्ट होने वाले अंगों को दान करे’ संदेश वाला बैनर फहराया। पेम्बा पिछले बुधवार सुबह 9.30 बजे एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे। करीब एक महीने पहले उन्होंने बेस कैंप की ओर प्रस्थान किया था। उनके कैंपेन का प्रबंधन हाई माउन्टेन ट्रेक्स नामक कंपनी ने किया।
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