बीमा करा कर की विकलांग की हत्या, सड़क हादसे का रंग देने वाले हत्यारे 9 महीने बाद गिरफ्तार
संभल (आरएनआई) संभल पुलिस ने 9 महीने बीत जाने के बाद सड़क हादसे में हुई मौत के एक मामले में पुनः विवेचना करते हुए सनसनीखेज़ खुलासा किया कि यह एक सड़क दुर्घटना नही है, बल्कि साजिशन एक हत्या का मामला था जिसको हादसे का रूप दिया गया था और पुलिस ने मामले में गंभीरता से उस वक्त विवेचना नही किया और सड़क दुर्घटना में मौत मान कर मामले में फाइनल रिपोर्ट पेश कर दिया था। अब पुलिस जांच में पता चला है कि ये हत्याकांड 51 लाख की बीमा पॉलिसी हड़पने के उद्देश्य से योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।
पूरी वारदात का शक तब हुआ जब मृत युवक की पांच-पांच बीमा पॉलिसी क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी पहुंची। मृतक दरियाब की मौत के बाद 50,68,000 रुपए के कुल बीमे में से साजिशकर्ताओ ने 15,68,000 रुपए पहले ही हड़प लिए थे। बाकी राशि उनको नहीं मिल पाई थी। पुलिस की ओर से जब इसमें गहनता से जांच पड़ताल की गई ये बहुत ही सनसनीखेज खुलासा है। इसमें अभी तक दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इस खुलासे को अंजाम देने वाली टीम को उन्होंने 25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है।
मामला कुछ इस तरह है कि बीते साल 1 अगस्त 2024 को चंदौसी कोतवाली में सड़क हादसे की एक ऍफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। ये ऍफ़आईआर बिसौली थाना क्षेत्र के गांव ढिलवारी निवासी राजेंद्र नाम के शख्स ने दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक राजेंद्र ने बताया था कि उसके भाई दरियाब जाटव को चंदौसी के सैनिक चौराहा से आटा की तरफ जाने वाले मार्ग पर अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिस वजह से उसकी मौत हो गई हालांकि पुलिस ने इस मामले में डेड बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया था। इसके बाद पुलिस ने मामले को सड़क हादसा मानकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।
लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ आ गया, जिसके बाद पुलिस ने दरियाब जाटव की सड़क हादसे में मौत की फाइल को दोबारा ओपन किया तो उनके होश उड़ गए। गहराई से हुई इसकी जांच हुई तो परत दर परत खुलते चले गए। शुक्रवार को संभल एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने जो खुलासा किया वो वाकई में चौंकाने वाला था। दरअसल एसपी के मुताबिक पिछले साल अगस्त के महीने में एक विकलांग व्यक्ति के सिर पर हथौड़े से वार कर बाद में उस पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी। मृतक के परिजनों की ओर से अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखवाया गया था। 4 महीने बाद पुलिस की ओर से साक्ष्य ना मिलने के अभाव में दिसंबर माह में उस पर ऍफ़आर लगा दी गई।
उन्होंने बताया कि पुलिस को जब से घटना के पीछे बीमा माफिया के हाथ होने का खुलासा हुआ है। पुलिस को इस मामले में बीमा कंपनी टाटा आईएनएसए की ओर से एक इनपुट दी गई। जिसमें बताया गया कि इस तरह के केस में क्लेम मांगा जा रहा है, ये थोड़ा संदिग्ध लग रहा है। इसको पुलिस की ओर से देखा जाए। एएसपी अनुकृति शर्मा और उनकी टीम की ओर से इसको रिव्यू किया गया तब पता चला कि जिस व्यक्ति की डेथ हुई है वो शख्स विकलांग है, उसकी रात को 10।00 बजे मौत होना बताया गया जो अपने घर से 27 किलोमीटर दूर चल कर जा भी नहीं सकता। जबकी उसको चलते हुए जाना बताया गया। इस तरह की कई चीजें संदिग्ध लगने पर पुलिस को जिन लोगों पर शक था उनकी जांच शुरू किया और उनसे पूछताछ की गई। तब इस घटना का खुलासा हुआ है।
पुलिस के मुताबिक दरियाब नाम के व्यक्ति पर इन लोगों ने 2023 सितंबर – अक्टूबर से बीमा करवाने शुरू किए थे। हरिओम और विनोद नाम के दो सगे भाई हैं इन लोगों को पैसे की आवश्यकता थी तो इन लोगों ने पंकज राघव नाम के व्यक्ति जो कि एक्सिस बैंक में मेक्स लाइफ का बीमा एजेंट है उसके द्वारा इनको बताया गया कि किस तरह से मरणासन्न व्यक्ति है या कोई पेशेंट है उसका बीमा कराए और आपको जल्दी ही बहुत बड़ी राशि मिल जाएगी। आपको लोन लेने की आवश्यकता नहीं है। बीमा एजेंट के बताने के बाद हरिओम नाम के व्यक्ति की ओर से दरियाब नाम के व्यक्ति की डिटेल दी गई इनके द्वारा करीब 1 साल तक तमाम प्रकार के बीमे कराए गए और 1 साल बाद इस व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया।
मौत के घाट उतारने के लिए इन व्यक्तियों की ओर से प्रताप नाम के व्यक्ति जो कि पूर्व से ही सजायाफ्ता था। उस व्यक्ति को 50 हजार में गाड़ी करने के लिए स्कीम में उसको ठेका दिया था। उस व्यक्ति ने समय अनुसार रात्रि 10:00 बजे पहले दरिया को विनोद की ओर से हथौड़े से सिर पर वार करवाया गया था। फिर उस पर गाड़ी चलाकर उसको मारा गया।
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