'ट्रंप के सीजफायर के लिए दखल देने के दावे पर पीएम खामोश क्यों?' कांग्रेस का सरकार से सवाल
एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान व्यापार का सहारा लेकर भारत और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मनाया तो दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक एक बार भी ट्रंप के दावों को खारिज नहीं किया है।

नई दिल्ली (आरएनआई) एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान व्यापार का सहारा लेकर भारत और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मनाया तो दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक एक बार भी ट्रंप के दावों को खारिज नहीं किया है। उनकी (पीएम मोदी) की खामोशी का क्या मतलब है? देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को यह सवाल सरकार से किया।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि ट्रंप ने आठवीं बार दावा किया कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर विराम लगवाया है। खेड़ा ने एक्स पर कहा, "ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर को खत्म करवाने के लिए व्यापार का सहारा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक इन दावों को एक बार भी खारिज नहीं किया है। इस खामोशी का क्या मलतब है?"
ओवल ऑफिस में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामफोसा के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, यदि आप भारत और पाकिस्तान के तनाव पर हमने क्या किया यह पूछें तो मैं कहूंगा कि हमने वह पूरा मामला सुलझा लिया। मेरा मानना है कि मैंने इसे व्यापार का हवाला देकर सुलझा लिया।" ट्रंप ने कहा कि अमेरिका- भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के साथ बड़ा सौदा कर रहा है।
ट्रंप के अनुसार उन्होंने दोनों देशों से कहा कि आप क्या कर रहे हैं? ट्रंप ने कहा, "किसी न किसी को आखिरी वार करना पड़ेगा। दोनों देशों के बीच हालात बद से बदतर इसलिए हमें उनसे बात करनी पड़ी।"
"किसी को तो आखिरी में गोली चलानी ही थी। लेकिन गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती ही जा रही थीं, बड़ी होती जा रही थीं, देशों में गहरी होती जा रही थीं। और हमने उनसे बात की, और मुझे लगता है कि हमने, आप जानते हैं, मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि हमने इसे सुलझा लिया है, और फिर दो दिन बाद, कुछ ऐसा हुआ, और उन्होंने कहा कि यह ट्रम्प की गलती है।
ट्रंप ने कहा, "लेकिन... पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन लोग और कुछ बहुत अच्छे, महान नेता हैं। और भारत मेरा मित्र है, मोदी मेरे मित्र हैं।" इस दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, "मोदी, सबके मित्र हैं"। ट्रम्प ने कहा, "वह एक महान व्यक्ति हैं और मैंने उन दोनों को फोन किया। यह अच्छी बात है।"
दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत के बाद अब इस मासले पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को सुलझाने में मदद की है। और पीएम मोदी इस पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे?
दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर के वैश्विक प्रसार के लिए विभिन्न देशों में पहुंच रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "एक तरफ हम प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं, लेकिन मुझे सूत्रों से पता चला है कि पहलगाम हमले के आतंकवादी पिछले 18 महीनों में तीन अन्य आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं... वे जम्मू-कश्मीर में घूम रहे हैं और हमारे सभी सांसद दुनिया भर में घूम रहे हैं। प्राथमिकता आतंकवादियों को पकड़ना होनी चाहिए, न कि सांसदों को दूसरे देशों में भेजना... इन सवालों का जवाब कौन देगा? संसद का सत्र होना चाहिए, लेकिन इसे बुलाया नहीं गया है। प्रधानमंत्री कभी भी सर्वदलीय बैठकों में मौजूद नहीं होते हैं। वे कोई जवाब नहीं देते हैं।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। इसके बाद भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया।
चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी थी और सीजफायर का एलान किया गया।
डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को बताया था कि वाशिंगटन के दखल से एक देर रात तक चली बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।
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