पाकिस्तान: 'न्यायपालिका की आजादी पर हमला बर्दाश्त नहीं', खुफिया एजेंसियों की दखलअंदाजी के आरोपों पर बोले सीजेपी

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने कहा कि वह अपने संस्थान की आजादी को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे खतरे में नहीं हैं।

Apr 3, 2024 - 15:45
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पाकिस्तान: 'न्यायपालिका की आजादी पर हमला बर्दाश्त नहीं', खुफिया एजेंसियों की दखलअंदाजी के आरोपों पर बोले सीजेपी

इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान की न्यायपालिका इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा ने बुधवार को कहा कि न्यायपालिका की आजादी पर किसी भी तरह के हमले को विफल किया जाएगा। उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि न्यायिक मामलों में खुफिया एजेंसियों की कथित दखलंदाजी की पूर्ण अदालत सुनवाई करेगी। 

दरअसल, मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के छह न्यायाधीशों ने दावा किया कि उन्हें धमकी भरे पत्र मिले और इन पत्रों में मादक पदार्थ भेजा गया था। इन न्यायाधीशों ने सीजेपी को पत्र लिखा था। शीर्ष अदालत की सात सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तसादुक हुसैन जिलानी ने खुफिया एजेंसियों की कथित दखलंदाजी की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय जांच आयोग की अध्यक्षता से खुद को अलग कर दिया था। 

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान ने कहा, सरकार ने पूरी ईमानदारी से मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था। लेकिन सोशल मीडिया और वकीलों ने उस आयोग की आलोचना की। वह चाहते थे कि अदालत मामले की सुनवाई करे। सीजेपी ईसा ने कहा कि वह अपने संस्थान की आजादी को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे खतरे में नहीं हैं। 

सीजेपी ने कहा, अगर न्यायपालिका की आजादी पर किसी तरह का हमला होता है, तो मैं (न्यायपालिका का बचाव करने में) सबसे आगे रहूंगा और निश्चित तौर पर मेरे साथी न्यायाधीश इसमें मेरे साथ खड़े रहेंगे और हम कभी भी दखलंदाजी को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, अगर किसी के पास ऐसा करने के लिए कोई एजेंडा है तो वे सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष या मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं और अपनी इच्छा को लागू कर सकते हैं। हम इस तरह के दबाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई। उन्होंने कहा, यह संभव है कि हम अगली सुनवाई में एक पूर्ण अदालत का गठन कर सकते हैं। हम दैनिक आधार पर मामले की सुनवाई करेंगे। 

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