मुजफ्फरपुर के इस अंचल में फैले भ्रष्टाचार की होगी जांच : अपर मुख्य सचिव को सौंपी गई जिम्मेदारी
पटना (आरएनआई) राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर के मुशहरी अंचल कार्यालय के कार्यों में दलालों के दखल की जानकारी आम लोगों से मिलने पर पूरे मामले की जांच का निर्देश विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को दिया है. इसके बाद अपर मुख्य सचिव सिंह ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट एक पखवाड़े के भीतर मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी से मांगी है.
जानकारी के अनुसार मंत्री सरावगी को यह जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के माध्यम से मिली. दरअसल डिप्टी सीएम को जिले के दौरे के दौरान आम नागरिकों और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुसहरी अंचल कार्यालय में दलालों के दखल, अवैध वसूली और काम के बदले घूसखोरी की शिकायतें दी थीं. इसके बाद मंत्री सरावगी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एसीएस से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने को कहा.
मुजफ्फरपुर डीएम से मांगी गई मामले की पूरी रिपोर्ट..
जांच का जिम्मा संभालते हुए अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे एक पखवाड़े के भीतर पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपें. उन्होंने जिले के डीएम से विशेष रूप से मुसहरी अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली, भ्रष्टाचार के आरोपों और दलालों की संलिप्तता पर रिपोर्ट मांगी है.
हत्या के बाद सामने आया बड़ा खेल!
इस पूरे मामले ने तूल तब पकड़ा जब बीते मंगलवार को मुजफ्फरपुर शहर के मिठनपुरा थाना क्षेत्र में एक जमीन कारोबारी मोहम्मद जावेद और उसके सहयोगी राजू साह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने जब घटनास्थल से मृतक की स्कूटी और उनके निजी कार्यालय की तलाशी ली, तो वहां से दाखिल-खारिज समेत कई राजस्व से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए. इनमें रजिस्टर-2 के मूल दस्तावेज और सरकारी डोंगल जैसे साक्ष्य भी शामिल थे, जिनका इस्तेमाल सिर्फ अंचल कार्यालय के हल्का कर्मचारी करते है!. हालाकि पुलिस के प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि हत्या से कुछ देर पहले मोहम्मद जावेद और राजू साह अंचल कार्यालय से निकलकर जिला स्कूल के पास चाय दुकान पर रुके थे. वहीं किसी से विवाद और हाथापाई हुई थी, जिसके कुछ देर बाद बाइक सवार अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी.
वर्षो से था अंचल कार्यालय में दबदबा
पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि जावेद का कई वर्षों से मुशहरी अंचल कार्यालय पर दबदबा था। वह लोगों से काम कराने के एवज में मोटी रकम वसूलता था। इसकी शिकायत निगरानी विभाग में भी की गई थी।
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