आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि भूख हड़ताल पर जाने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हो रहा है। उनसे अनशन वापस लेने का अनुरोध करेंगे।

Feb 16, 2024 - 09:46
 0  405
आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट

मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संकेत दिए हैं कि सरकार जल्द ही मराठा आरक्षण को लागू कर सकती है। महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा आयोग के मुख्य न्यायाधीश शुक्रे ने मराठा समुदाय की सामाजिक और वित्तीय स्थिति पर आयोग की सर्वेक्षण रिपोर्ट  शिंदे को सौंप दी है। सर्वे रिपोर्ट मिलने पर सीएम ने कहा कि कैबिनेट बैठक में इसे पेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, 'यह रिपोर्ट कैबिनेट की बैठक में पेश की जाएगी और उसके आधार पर सरकार फैसला लेगी। इसी मामले पर 20 फरवरी को विधानसभा के विशेष सत्र की घोषणा की जा चुकी है।

उन्होंने आगे कहा, 'जिस तरह से इस सर्वे का काम पूरा हुआ है, उसे देखकर हमारी सरकार को भरोसा है कि शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण संविधान और कानून की कसौटी पर खरा उतर सकेगा। हम मराठा समुदाय को कोई नुकसान पहुंचाए बिना ओबीसी आरक्षण या किसी अन्य आरक्षण को लागू करने में सक्षम होंगे। हमें विश्वास है कि हम स्थायी आरक्षण प्रदान करने में सक्षम होंगे।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मराठा आरक्षण के संदर्भ में सरकार ने पहले ही खुद को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया था। शुक्रे कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हम मराठा आरक्षण को आगे बढ़ाएंगे। कुनबी पंजीकरण के संदर्भ में आरक्षण के मुद्दे को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है और इस पर काम पहले से ही चल रहा है। भूख हड़ताल पर जाने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हो रहा है। हम उनसे अनशन वापस लेने का अनुरोध करेंगे। सरकार मांगों को पूरा करने के लिए सकारात्मक रूप से अपना काम कर रही है।

मराठा आंदोलन के प्रमुख मनोज जरांगे ने मंगलवार को सरकार को अल्टीमेटम दिया था। जरांगे का कहना था कि उनकी मांगों को लागू किया जाए नहीं तो 10 फरवरी से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि कुनबी प्रमाण पत्र वाले मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा लाभ प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए अधिसूचना को कानून में बदलने के लिए राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। 

आंदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जारांगे पाटिल मूलत: बीड जिले के रहने वाले हैं। मटोरी गांव में जन्मे मनोज ने 12वीं तक पढ़ाई की है। आजीविका के लिए बीड से जालना आ गए। यहां एक होटल में काम करते हुए उन्होंने सामाजिक कार्य शुरू किए। इसी दौरान शिवबा नामक संगठन की स्थापना की। मनोज 2011 से मराठा आरक्षण के आंदोलन में सक्रिय हैं। 2014 में उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में डिविजनल कमिश्नरेट के खिलाफ अपने मार्च से सभी का ध्यान खींचा था। 2015 से 2023 के बीच उन्होंने 30 से ज्यादा आंदोलन किये। 2021 में उन्होंने जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में 90 दिनों की हड़ताल की थी। बताया जाता है कि मनोज जरांगे की आर्थिक स्थिति खराब है, लेकिन उन्होंने खुद को मराठा समुदाय के लिए समर्पित कर दिया है। उनके पास चार एकड़ जमीन थी जिसमें से दो एकड़ जमीन उन्होंने मराठा समुदाय के आंदोलन के लिए बेच दी थी। 

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.
211
211