एक ही परिवार के चार लोगों के नाम कर डाली लाखों की चरनोई भूमि

Dec 25, 2023 - 22:11
Dec 25, 2023 - 22:11
 0  4.6k
एक ही परिवार के चार लोगों के नाम कर डाली लाखों की चरनोई भूमि

शिवपुरी-कोलारस (आरएनआई) जिस प्रकार जिले भर में भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से चरनोई एवं जंगलात भूमि को व्यवस्थापन पट्टे एवं बंदोवस्त के नाम पर फ र्जी एन्ट्री करा अपने नाम से कराये जाने का खेल काफी जोरों पर खेला जाता रहा है। इसी तारतम्य में यदि जिले की कोलारस तहसील की ओर गौर करें जहां एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों ने सरकार की चरनोई एवं जंगलात भूमि जो लगभग 90 वीघा थी उक्त भूमि को पूर्व पटवारी एवं राजस्व के आला अधिकारियों से मिल जुलकर अपने नाम इन्द्राज करा ली गई।

तहसील कोलारस के ग्राम सोनपुरा के सर्वे क्रमांक.494/1 पर वर्ष 85.86 लगायत 89.90 के खसरे में 85.86 में कोई कब्जा दर्ज दर्शाया, जबकि मुन्नीबाई पुत्री जानकीलाल के नाम से 10 वीघा तथा हेमन्त कुमार पुत्र नरेन्द्र मोहन 10 वीघा बिना किसी आदेशों के दर्ज कर दी गई। इसी प्रकार प्रकरण क्रमांक. 28/86.87-अ.19 से ग्राम पारागढ़ के सर्वे क्रमांक.41 मिन मुन्नीबाइ पुत्री जानकीलाल 10 वीघा भूमि पर वर्ष 83.84 के पूर्व का कब्जा होना बताकर इनके नाम से व्यवस्थापन भी कर दिया गया। यदि उक्त आदेश की सत्यापित प्रति देखी जाये तो तो आदेश पारित होने का दिनांक एवं आवेदक का कॉलम ही खाली पड़ा है।

इसी प्रकार तहसील कोलारस के ग्राम डोंगरपुर में जंगलात कदीम भूमि सर्वे क्रमांक.456 रकवा 10 वीघाए सर्वे क्रमांक.457 रकवा 10 वीघा हरिबल्लभ पुत्र कुन्नूराम सुरेश पुत्र कुन्नूराम रकवा 10 वीघा जिस पर सन् 1985-86 तक खसरे में किसी व्यक्ति का कब्जा दर्ज नहीं है। उक्त भूमि पर सन् 1983.84 के पूर्व का कब्जा बताकर इनके नाम से व्यवस्थापन कर दी गई।

यदि बात ग्राम कुलवारा की भूमि की जाये तो यहां भी पूर्व सर्वे क्रमांक.477 टुकड़ी नवीन सर्वे क्रमांक.305 मुन्नीबाई के नाम से ही 15 वीघा 18 विस्बा एवं पूर्व सर्वे क्रमांक.474, नवीन सर्वे क्रमांक.309 रकवा 19 वीघा अतिक्रामक हरिबल्लभ पुत्र कुन्नूलाल के नाम से दर्ज है।

उक्त चरनोई भूमि थी जिसका वर्ष 83.84 से 87.88 के बीच खसरे में मुन्नीबाई के नाम से कोई कब्जा दर्ज नहीं है, वह दौराने बंदोवस्त क्षेत्र पुस्तक खसरा में सीधे.सीधे भूमि स्वामी दर्ज कर दी गई । उक्त क्षेत्र पुस्तक में 87-88 मेंं मुन्नीबाई पत्नि जानकीलाल के नाम से दर्ज है, जबकि सन् 89.90 के खसरे में उसी सर्वे नम्बर मुन्नीबाई पुत्री जानकीलाल के नाम से दर्ज है। सबसे मजेदार पहलू यह है कि जो 87.88 में पत्नि के रूप में दर्ज थी वहीं 89.90 में बिना किसी संशोधन आदेश के रिकार्ड में मुन्नीबाई पुत्री दर्ज हो गई।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि ग्राम कुलवारा में उक्त सर्वे नम्बरों के सम्बन्ध में न तो कोई पट्टा अथवा व्यवस्थापन हुआए साथ ही प्रकरण क्रमांक का खसरे में किसी प्रकार कोई उल्लेख नहीं है।

इसी प्रकार इसी ग्राम में हरिबल्लभ पुत्र कुन्नूलाल 89.90 की कैफियत में अतिक्रामक सर्वे नम्बर.309 में दर्ज थे जो वर्ष 93.94 में हेमन्त कुमार पुत्र हरिबल्लभ बिना किसी आदेश क्रमांक के संशोधित कर दिये गये।

इस सम्बन्ध में यदि आवेदकों द्वारा उक्त भूमि का वर्ष 83.84 एवं वर्ष 87.88 के रिकार्ड की मांग की जाती है तो यहां के कर्ता.धर्ता उक्त रिकार्ड को डेमेज बताकर देने से साफ तौर पर इंकार किया जा रहा है। जबकि इस भूमि के रिकार्ड की खसरा नकल वर्ष 12 जनवरी 2009 में एक आवेदक द्वारा प्राप्त की गई है।

शासन के नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र में 7.5 प्रतिशत चरनोई भूमि छोड़ा जाना चाहिये था लेकिन इस नियम का भी उल्लंघन करते रिकार्ड में एक ही परिवार के व्यक्तियों को विभिन्न विभिन्न ग्रामों में शासन की लाखों की बेशकीमती जमीन का भूस्वामी बना दिया गया जिसमें भू राजस्व संहिता एवं आरबीसी के नियमों का खुले तौर राजस्व विभाग के आला अधिकारियों द्वारा शासन के नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।

यदि शासकीय नियमानुसार देखा जाये तो भूमि के व्यवस्थापन अथवा पट्टे के लिये उक्त ग्राम का निवासी होना आवश्यक है। साथ ही परिवार का कोई अन्य सदस्य भूमि धारक न हो तभी वह पट्टे की पात्रता में आता है, लेकिन यहां राजस्व के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 86.87 में उक्त लाखों की शासकीय भूमि तहसील कोलारस के ग्राम पारागढ़, सोनपुरा, कुलवारा एवं डोंगरपुर की लगभग 90 वीघा शासकीय भूमि एक ही परिवार के चार लोगों को राजस्व के आला अधिकारियों ने राजा महाराजाओं की तर्ज पर भेंट कर दी।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 1
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0