दिमाग में लगी चिप में छोटे तार हटने से टूटा मस्क का सपना
कंपनी ने खुलासा किया कि मनुष्य की खोपड़ी में न्यूरालिंक के पहले चिप ट्रांसप्लांट को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि डिवाइस मरीज के ब्रेन से अलग होने लगी। नोलैंड के एक व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप जोड़ने के लिए फरवरी में सर्जरी की गई थी।
वॉशिंगटन (आरएनआई) दिग्गज कारोबारी एलन मस्क के ‘न्यूरालिंक’ ने एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस बनाकर पक्षाघात पीड़ित रोगियों के दिमाग में चिप लगाकर तकनीकी रूप से इलाज का मानव परीक्षण पिछले दिनों किया।
इसमें आई खराबी से परिचित पांच लोगों ने खुलासा किया कि मरीज के दिमाग के अंदर के छोटे तार अपनी जगह से हट गए थे और इस बारे में कंपनी पहले से जानकारी रखती थी। दरअसल, कंपनी का सिस्टम जिसे ‘लिंक’ कहते हैं, उसमें 64 थ्रेड्स में 1,024 इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करके नर्व साइन रिकॉर्ड किए जाते हैं। ये बाल से भी पतले होते हैं। इन्हीं से बने ब्रेन चिप में आई खराबी से कंपनी के परीक्षण को बड़ा झटका लगा।
कंपनी ने खुलासा किया कि मनुष्य की खोपड़ी में न्यूरालिंक के पहले चिप ट्रांसप्लांट को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि डिवाइस मरीज के ब्रेन से अलग होने लगी। नोलैंड के एक व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप जोड़ने के लिए फरवरी में सर्जरी की गई थी। ट्रांसप्लांट के एक महीने के भीतर डिवाइस की कार्यक्षमता कम हो गई क्योंकि स्मॉल कंप्यूटर को ब्रेन से जोड़ने वाले डिवाइस के धागे हटने लगे।
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