मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए डोर टू डोर कैंपेन रहे हैं डीएम, दो चरणों में गिरा मतदान का प्रतिशत, चुनाव आयोग चिंतित

May 2, 2024 - 14:02
May 2, 2024 - 14:03
 0  378
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए डोर टू डोर कैंपेन रहे हैं डीएम, दो चरणों में गिरा मतदान का प्रतिशत, चुनाव आयोग चिंतित

हरदोई (आरएनआई) लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग एडी चोटी का जोर लगाये है। लेकिन दो चरणों में हुये मतदान में मत प्रतिशत गिरने से निर्वाचन आयोग से लेकर राजनैतिक दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है।सभी लोग चिंतित हो उठे हैं कि गिरता मतदान प्रतिशत लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। इसी चिंता से चिंतित हरदोई के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी मंगलाप्रसाद स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरूकता अभियान में पूरी ताकत लगाये हुए हैं।कल भंयकर गर्मी के बावजूद जिलाधिकारी मंगलाप्रसाद ने महोलिया शिवपार गांव मे घर घर जाकर मतदाताओं से वोट डालने की अपील की।वहीं आज पुलिस  लाइन से दुपहिया रैली निकाल कर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया।लेकिन तमाम जागरूकता कार्यक्रम चलाने के बाद भी मतदाता की खामोशी सोचनें पर मजबूर कर रही है। हरदोई संसदीय सीट पर चौथे चरण यानि 13मई को मतदान होना है।ऐसे में मतदान होने में अब दो सप्ताह से कम का समय बचा है।फिर भी चुनावी चर्चा में कमी कहीं न कहीं मतदाता की निराशा की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है। मतदाताओं की निराशा का मुख्य कारण नेताओं का वोट लेकर मतदाताओं के विकास,उनके सुख दुख मे शरीक न होना माना जा रहा है। जो लोग जीत जाते हैं वह सत्ता के घमंड में चूर हो जाते हैं। उन्हें यह मतदाता जिसके वोट की ताकत से माननीय बनते हैं। उससे संवाद करने से बचने लगते हैं।वहीं हारने वाले नेता हार से थककर घरों में बैठ जाते हैं।जनता को भगवान के भरोसे ही जीना शेष रह जाता है।नेता केवल चुनाव में ही वोट की खातिर फिर 5साल बाद जनता के बीच पहुंच कर उन्हें फिर बरगलाने में लग जाते हैं। लेकिन यह जनता है यह सब जानती है।इस बार के चुनाव में पूरे जिले में मतदाताओं की खामोशी से चुनावी मौसम में सन्नाटा पसरा हुआ है। जहां एक ओर सत्तारूढ़ दल कार्यकर्ता सम्मलेन, जातीय समीकरण साधने के लिए जातीय सम्मेलन करती नजर आ रही है वहीं बिपक्षी दल इण्डिया गठबंधन की प्रत्याशी मतदाताओं के घर तक पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में रात दिन एक किये हुए हैं। लेकिन हरदोई में मतदाताओं की खामोशी के चलते सभी नेताओं के पसीने छूट रहे हैं। हरदोई संसदीय सीट पर सत्तारूढ़ दल से सिटिंग सांसद जयप्रकाश रावत प्रत्याशी हैं । जयप्रकाश रावत लम्बे समय से इस सीट पर चुनाव लड़ते चले आ रहे हैं।कई बार सांसद भी रहे बर्तमान मे भी सांसद रहे हैं लेकिन हरदोई संसदीय सीट पर विकास कार्य होना तो दूर की बात उन्होंने जनता से संवाद तक करना उचित नहीं समझा।वहीं बिपक्षी दल इण्डिया गठबंधन से ऊषा वर्मा प्रत्याशी हैं। सन 1998 से संसदीय राजनीति में आयी ऊषा वर्मा पर सपा लगातार दांव लगा रही है।बसपा ने इस बार इटावा के बीआर अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है। जो इस ससंदीय क्षेत्र में एकदम नये है।ऐसे में राजनैतिक दलों द्वारा बार बार पुराने घिसे-पिटे चेहरे चुनाव में उतारने से लोगों में रूचि कम होने का प्रमुख कारण दिखाई दे रहा है।ऐसे में निर्वाचन आयोग के लाख प्रयासों के बाद भी मतदाता मतदान में रूचि लेंता कम दिखाई दे रहा है। ऐसे में राजनैतिक दलों की यह जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि कम से कम अकर्मण्य नेताओं की टिकट काटकर काम करने वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारती जो मतदाताओं को बूथ तक लाने में सफल हो पाते। पुराने चेहरे जिन्हें जनता ने कई कई बार कसौटी पर कसा है। लोगों को मतदान के लिए उत्साहित नहीं कर पा रहे हैं।शायद यही कारण है कि हरदोई संसदीय सीट पर मतदाता खामोशी की चादर से बाहर नहीं आना चाहते है।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Laxmi Kant Pathak Senior Journalist | State Secretary, U.P. Working Journalists Union (Regd.)
211
211