एआई से बदल रही बैंकिंग की दुनिया, फिर भी चार में से सिर्फ एक बैंक उठा रहा फायदा

एआई बैंकिंग में बड़ा बदलाव ला रहा है, लेकिन अब भी सिर्फ 25% बैंक ही इससे प्रतिस्पर्धात्मक लाभ ले पा रहे हैं। एआई और जेनरेटिव एआई टूल्स बैंकों की सेवाएं, लागत और मुनाफे को नए सिरे से गढ़ रहे हैं। देखा जाए तो 2025 में यह बदलाव निर्णायक होगा।

May 22, 2025 - 12:11
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एआई से बदल रही बैंकिंग की दुनिया, फिर भी चार में से सिर्फ एक बैंक उठा रहा फायदा

नई दिल्ली (आरएनआई) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अन्य उद्योगों के साथ बैंकिंग क्षेत्र में भी व्यापक स्तर पर बदलाव लाने में सक्षम है। एआई एक गेम-चेंजर बन गया है, जो दक्षता, पहुंच और आर्थिक विकास की नई सीमाओं को खोल रहा है। इसके बावजूद वैश्विक स्तर पर हर चार में से सिर्फ एक बैंक ही अपने प्रतिद्वंद्वियों से प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहा है।

कंसल्टेंसी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने एक रिपोर्ट में कहा, बैंकिंग उद्योग 2025 में एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। एआई और जेनरेटिव एआई बैंकिंग उद्योग को मौलिक रूप से बदल रहे हैं। रिपोर्ट में उन बैंकों के बीच बढ़ते अंतर को भी उजागर किया गया है, जो एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं और जो इस मामले में पीछे हैं। एआई का इस्तेमाल नहीं करने वाले बैंकों के न सिर्फ कारोबार और सेवाओं पर असर पड़ रहा है, बल्कि लागत एवं मुनाफा भी प्रभावित हो रहा है। वहीं, एआई को अपनाने वाले बैंक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 

कंसल्टेंसी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने एक रिपोर्ट में कहा, बैंकिंग उद्योग 2025 में एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। एआई और जेनरेटिव एआई बैंकिंग उद्योग को मौलिक रूप से बदल रहे हैं। रिपोर्ट में उन बैंकों के बीच बढ़ते अंतर को भी उजागर किया गया है, जो एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं और जो इस मामले में पीछे हैं। एआई का इस्तेमाल नहीं करने वाले बैंकों के न सिर्फ कारोबार और सेवाओं पर असर पड़ रहा है, बल्कि लागत एवं मुनाफा भी प्रभावित हो रहा है। वहीं, एआई को अपनाने वाले बैंक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 

जेनरेटिव और एजेंटिक एआई जैसे टूल ग्राहकों को अपनी सहूलियत एवं फायदे के हिसाब से बैंकों के चयन में मदद कर रहे हैं। इसलिए, एआई संचालित अंडरराइटिंग, रियल-टाइम क्रेडिट जोखिम और इससे जुड़े वित्तीय तंत्र बैंकों के शुल्क आधारित आय को खत्म कर रहे हैं। बैंकों की भूमिका को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।

बीसीजी ने रिपोर्ट में कहा, दुनिया के अधिकांश बैंक एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिहाज से बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहे हैं। काम के परंपरागत तरीके, डाटा संकलन का अभाव व क्षमता की कमी वास्तविक समय में एआई के इस्तेमाल में बाधा बन रही है। इन कमियों को दुरुस्त कर एआई को तेजी से अपनाने के लिए भारी निवेश और प्रबंधन स्तर पर प्रतिबद्धता की जरूरत है।

विनियामकीय चुनौतियां एआई को अपनाने की रफ्तार को धीमा कर रही हैं। दुनिया के दो-तिहाई बैंक एआई कौशल वाले पेशेवरों की नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, कई बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को एआई के इस्तेमाल, उससे होने वाले लाभ और चुनौतियों के बारे में बताने की जरूरत है।

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