पुलिस मेडिकल बोर्ड की अध्यक्ष जांच के घेरे में, मेडिकल बोर्ड के डाक्टर ओर फार्मासिस्ट रिश्वत लेते पूर्व में पकड़े गए थे, जांच में आरोपितों ने खोले राज 

May 22, 2025 - 12:55
May 22, 2025 - 12:55
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पुलिस मेडिकल बोर्ड की अध्यक्ष जांच के घेरे में, मेडिकल बोर्ड के डाक्टर ओर फार्मासिस्ट रिश्वत लेते पूर्व में पकड़े गए थे, जांच में आरोपितों ने खोले राज 

मथुरा (आरएनआई) पूरे प्रदेश में हो रही पुलिस भर्ती में अभ्यर्थियों का मेडीकल बोर्ड द्वारा मेडिकल किया जा रहा है मेडिकल में फिट होने पर ही इनकी आगे की प्रक्रिया में शामिल किया जाना होता है। मथुरा में भी उक्त प्रकिया चल रही है। पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड की अध्यक्ष डॉ वंदना अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक वृंदावन है उनके निर्देशन में ही मेडीकल भर्ती बोर्ड की  टीम काम कर रही है। अभ्यर्थियों से मेडीकल में फेल कराने का डर दिखा कर वसूली करने की शिक़ायत पर बोर्ड के सदस्य जिला अस्पताल के  डाक्टर, फार्मासिस्ट ओर डाक्टर की पत्नी सहित डाक्टर के कार चालक  को उसके प्राइवेट हॉस्पिटल से विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेने, पत्नी को सबूत मिटाने तथा फार्मासिस्ट को कैंडिडेट लाने और उनसे रेट तय करने की बात कराने आदि आरोप में गिरफ्तार कर उन सभी का जिला अस्पताल में मेडीकल कराने के बाद अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया था। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा  पूछताछ करने पर खुलासा हुआ था कि डाक्टर भारी रिश्वत देकर पुलीस भर्ती बोर्ड का सदस्य बना था तथा बोर्ड की अध्यक्ष डॉ वंदना अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक वृंदावन के निर्देशानुसार ही  पूरे प्लान के तहत फिट, अनफिट का खेल किया जा रहा था । रिश्वत कांड में गिरफ्तार डॉ प्रभाकर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी मथुरा पर आरोप लगाया कि उन्हें तीन लाख रुपए देकर वह इस बोर्ड में सदस्य बना था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मथुरा ने गिरफ़्तार डाक्टर द्वारा लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया है तथा बोर्ड अध्यक्ष डॉ वंदना अग्रवाल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक वृंदावन के निर्देशन ओर स्वीकृत के बाद  बोर्ड बनाया गया था। भर्ती बोर्ड गठन एक प्रकिया के तहत होता हैं है जिसने डॉ वन्दना अग्रवाल भी शामिल थीं।

 सूत्र बताते हैं कि पुछताछ दौरान डॉ वन्दना अग्रवाल अध्यक्ष बोर्ड का नाम भी सामने आया है जल्द ही उनसे पूछताछ की जा सकती है और गतिविधि संदिग्ध होने पर उनकी भी गिरफ्तारी की जा सकती है। गहनता के साथ पक्के सबूत जुटाए जा रहें हैं। सभी की कॉल डिटेल व लोकेशन खगाली जा रही है उनका अध्ययन किया जा रहा है ओर संदिग्ध नंबरों के प्रकाश में आने के बाद पूछताछ की प्रक्रिया जारी है 
जब इस प्रकरण बाबत डा वन्दना अग्रवाल का पक्ष जानना चाह वह अपना पक्ष रखने से बचती रही।


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